दंगा पीड़ितों की घर वापसी नहीं चाहते मदरसे : रिपोर्ट |
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Wednesday, 23 October 2013 22:43 |
![]() मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगा पीड़ितों के लिए बनाए गए ज्यादातर राहत शिविर मदरसों में चल रहे हैं। राहत के नाम पर उन्हें बाहर से खाद्यान्न तथा धन के रूप में मदद दी जा रही है। ऐसे में वे अपने निजी लाभों के लिए विस्थापित लोगों को अपने गांव वापस नहीं जाने देना चाहते, ताकि राहत शिविर बंद नहीं हों। गौरतलब है कि सपा प्रमुख के कहने पर मुजफ्फरनगर में दंगापीड़ितों की स्थिति पर नजर रखने तथा समुदायों में विश्वास बहाली के लिए वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव की अगुवाई में 10 मंत्रियों की सद्भावना समिति गठित की गयी थी। मुजफ्फरनगर में गत सात सितम्बर को भड़के दंगों के दौरान अपना घर-बार छोड़कर भागे लोगों को आसरा देने के लिए मुजफ्फरनगर में 41 तथा शामली में 17 राहत शिविर बनाए गए थे। इनमें 40 हजार से ज्यादा लोग रह रहे थे। गांवों के दौरे के आधार पर तैयार सद्भावना समिति ने दंगा पीड़ितों को गांव भेजने के लिए विभिन्न कदम उठाने की सिफारिश करते हुए पीड़ितों की तीन श्रेणियां बनाने का सुझाव दिया है। एक श्रेणी ऐसे गांवों के विस्थापितों की होगी जहां हिंसा नहीं हुई। दूसरी श्रेणी में ऐसे गांव होंगे जहां हिंसा तो हुई लेकिन जनहानि नहीं हुई। तीसरी ऐसे गांवों की जहां हिंसा में धन-जन की हानि हुई है। दोनों तरह की हानियों वाले गांवों के लिए समिति का कहना है कि शांति कमेटी गठित कर विशेष अभियान चलाने बाद ही विस्थापितों को वापस भेजा जाना चाहिए। (भाषा)
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