मप्र के स्कूली बच्चे हिन्दी और अंग्रेजी में पढेंगे ‘भगवद् गीता’ के पाठ |
![]() |
Tuesday, 16 July 2013 12:42 |
![]() सूबे के स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा नौ से 12 तक के पाठ्यक्रम में इसी शिक्षण सत्र से ‘भगवद् गीता’ के प्रसंगों को जोड़ने के लिये बाकायदा गजट अधिसूचना जारी की है। मध्यप्रदेश राजपत्र में चार जुलाई को प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक प्रदेश सरकार ने राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल से परामर्श के बाद ‘भगवद् गीता’ के प्रसंगों पर आधारित एक..एक अध्याय को कक्षा नौ से 12 की विशिष्ट हिन्दी की पाठ्य पुस्तकों में शिक्षण सत्र 2013..14 से जोड़े जाने को हरी झंडी दे दी है। गजट अधिसूचना बताती है कि ‘भगवद् गीता’ के प्रसंगों पर आधारित एक..एक अध्याय को कक्षा 11 और 12 की विशिष्ट अंग्रेजी की पाठ्य पुस्तकों में मौजूदा सत्र से शामिल करने को भी राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। \ सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश की भाजपा सरकार कम से कम तीन साल से ‘भगवद् गीता’ को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम हालांकि, मुख्यमंत्री ‘भगवद् गीता’ को ‘सांप्रदायिक ग्रंथ’ मानने से साफ इंकार करते रहे हैं। बहरहाल, सूबे के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘शिवराज की अगुवाई वाली भाजपा सरकार शिक्षा का साजिशन भगवाकरण कर रही है, ताकि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला में अपने नम्बर बढ़ा सके।’ सलूजा ने कहा, ‘मध्यप्रदेश में सभी धर्मों के अनुयायी रहते हैं। लिहाजा स्कूली पाठ्यक्रम में सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों को बराबर का स्थान मिलना चाहिये। इस पाठ्यक्रम में भगवद् गीता के साथ कुरआन, गुरु ग्रंथ साहिब और बाइबिल जैसी धार्मिक पुस्तकों को भी जोड़ा जाना चाहिये।’ उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष ताने..बाने के मद्देनजर यह हर्गिज सही नहीं है कि सूबे के नौनिहालों को उनकी कच्ची उम्र में किसी एक धर्मग्रंथ की नैतिक शिक्षाओं को पढ़ाया जाये। (भाषा) आपके विचार |