
लेह/नई दिल्ली। लद्दाख के चुमार सेक्टर में बीते दिनों हुई चीनी घुसपैठ के बाद हालात पर चर्चा के लिए भारत और चीन एक तरफ फ्लैग मीटिंग कर रहे थे तो दूसरी तरफ, खबरों के मुताबिक, चीन की थलसेना ने चुमार इलाके में फिर से घुसपैठ की।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कुछ चीनी सैनिक मंगलवार को लौट गए थे और आमतौर पर यह संभावना थी कि बाकी सैनिक भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूसरी तरफ वापस चले जाएंगे। बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 100 जवान चुमार इलाके में आए और अपनी संख्या बढ़ाकर करीब 350 कर ली। हैरत की बात यह है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत आगमन से कुछ घंटे पहले चीनी सैनिकों ने यह हरकत की। सूत्रों ने बताया कि भारत ने भी इलाके में कुछ और सैनिक रवाना कर दिए हैं और दोनों पक्ष बैनर-ड्रिल में लगे हुए हैं। इस बीच, भारत और चीन ने लद्दाख के चुमार सेक्टर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को फ्लैग मीटिंग की। सेना के सूत्रों ने बताया कि चुसुल में सैन्य प्रहरी भेंट स्थल पर ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई जहां देमचौक इलाके में चीनी नागरिकों के अतिक्रमण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि फ्लैग मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला और दोनों पक्ष जल्द ही फिर से बैठक कर सकते हैं। लेह के पूर्वोत्तर में 300 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुमार में दोनों देशों के बीच अक्सर टकराव की स्थिति बनती रही है। उस इलाके में भारत के
वर्चस्व को खत्म करने के लिए चीन ने कई दफा कोशिशें की है। सूत्रों ने कहा कि चीन की तरफ वाहनों की आवाजाही देखी गई और ऐसा माना जा रहा है कि चीन की पीएलए अपनी तरफ किए जा रहे निर्माण कार्य से भारत का ध्यान भटकाने की खातिर यह चाल चल रही है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत रक्षा निर्माण का काम कर रहे किसी भी देश को दूसरे पक्ष को इसकी जानकारी देनी होगी। इस बीच, देमचौक में टकराव के हालात बने हुए हैं। देमचौक में चीनी खानाबदोश जनजाति ‘रेबोस’ ने अपने तंबू गाड़ दिए थे। इस इलाके में भारतीय सीमा के 500 मीटर भीतर तक घुसपैठ की गई है। यह जानकारी सूत्रों ने दी। दूसरी ओर इस परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस ने बुधवार को उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत यात्रा पर आए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ चीन की घुसपैठ को लेकर भारत की चिंताओं पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस ने सीमा के मुद्दे पर जल्द बातचीत शुरू करने की वकालत की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 19 सितंबर को चीनी राष्ट्रपति से मिलेगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कर्ण सिंह और आनंद शर्मा सहित वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने की संभावना है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार मौजूदा स्थिति में दिशानिर्देशक सिद्धांतों (जिन पर 2005 में सहमति बनी थी) में हुई सहमति के हित में चर्चा करेंगे। (भाषा)
|