
नई दिल्ली। दीवार पर चस्पां पोस्टरों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशी कनिका शेखावत के चेहरे को देखकर वोट देने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को लग रहा है कि वे ठगे गए हैं। इन छात्रों के सामने यह हकीकत सामने आई है कि जिस चेहरे को देखकर उन्होंने वोट दिया था, वह दरअसल एक मॉडल नौहीद साइरसी का था। चुनाव के दौरान शहर के फ्लाइओवर, मैट्रो के खंबों, खासतौर पर पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के कॉलेजों के परिसर के पास कनिका के जो पोस्टर लगाए गए थे, उसमें फोटो मॉडल और वीजे नौहीद के थे।
शेखावत को वोट देकर डूसू का सचिव बनाने वाले छात्रों का कहना है कि उनके साथ दगा हुआ है। पश्चिम दिल्ली के एक कॉलेज के छात्र राहुल मेहरा का कहना है कि अमूमन ये नेता कॉलेज के परिसरों में नहीं जाते हैं। हम बजरिए पोस्टर ही उन्हें जान-पहचान पाते हैं। एक अन्य विद्यार्थी स्वाति सिन्हा ने कहा कि मुहब्बत और जंग में सब जायज है। शायद कनिका ने सोचा होगा कि उसका चेहरा ज्यादा फोटोजेनिक नहीं है। इसलिए यह चुनावी तरकीब अपनाई गई होगी। हालांकि कनिका का कहना है कि उनका इन पोस्टरों से कोई लेना देना-नही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब विरोधी दल राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनयूएसआइ) की साजिश है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में यह बात आई कि मेरे कुछ पोस्टरों में नौहीद के फोटो हैं। मुझे पूरा यकीन है कि राष्ट्रीय छात्र संगठन ने यह हरकत
इसलिए की कि मेरा नामांकन रद्द हो जाए। मैंने इस मामले की शिकायत पुलिस मुख्यालय में की है। कनिका ने कहा कि चुनाव में मेरी जीत इन विरोधी लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है।उधर एनएसयूआइ ने इन आरोपों को गलत बताया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोजी एम जान ने कहा कि उनके दल की यह संस्कृति नहीं है कि किसी उम्मीदवार को अनावश्यक निशाना बनाया जाए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस प्रकार की गलत हरकतों में लिप्त रही है। इस चुनाव के दौरान भी उसने कई तरह की तिकड़मबाजी की थी। उन्हें अपनी बेजा हरकतों के जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। मिरांडा कालेज से राजनीतिशास्त्र की स्नातक रही कनिका शेखावत फिलहाल दक्षिण कैंपस के एआरएसडी कॉलेज से राजनीतिसशास्त्र में एमए कर रही हैं। राजस्थान की रहने वाली शेखावत तीन साल से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी हैं। चुनाव में महिलाओं संबंधी मुद्दों को हल करने के वादों के साथ वे चुनाव जीती हैं। कनिका का कहना है कि मेरा ध्यान विश्वविद्यालय के अंदर महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तीकरण का होगा। मेरी पहली प्राथमिकता विश्वविद्यालय में महिला विकास प्रकोष्ठ खोलने की होगी। इसके अलावा बस पास देने के लिए अलग काउंटर खोलने की योजना है ताकि छात्राओं को सहूलियत हो। हाल में हुए चुनाव में कनिका ने एनएसयूआइ के अमित टीमा को 3,022 वोटों से हराया था। डूसू के चुनाव में अखिल विद्यार्थी परिषद ने सभी प्रमुख पदों में कब्जा किया है। (ईएनएस)
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