Monday, 15 September 2014 13:01 |

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी ऐबट ने आज चेतावनी दी कि आतंकवादी पश्चिम एशिया में ऑस्ट्रेलिया के सैनिकों और युद्धक विमानों की तैनाती को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को निशाना बनाने का कारण बताएंगे। सरकार ने कल ऐलान किया कि सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के खिलाफ अभियान को और अधिक आक्रामक बनाने के लिए अपने योगदान के तहत ऑस्ट्रेलिया 600 सैनिक और 10 सैन्य विमान भेजने की तैयारी कर रहा है। ऐबट को लगता है कि संयुक्त अरब अमीरात में ऑस्ट्रेलिया की सैन्य तैनाती पर चरमपंथी प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में जब ऑस्ट्रेलिया इराक में उग्रवाद के खिलाफ लड़ रहा था तब इंडोनेशियाई द्वीप बाली में बम हमलों
में मारे गए 202 लोगों में से 88 व्यक्ति ऑस्ट्रेलियाई नागरिक थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प टेलीविजन से कहा ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो लोग हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वह कोई न कोई कारण जरूरत बताएंगे लेकिन इससे बचाव नहीं होगा। ’’ ऐबट ने इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों का संदर्भ देते हुए कहा ‘‘वह ऐसे हर व्यक्ति को निशाना बना रहे हैं जो उनकी खास विचारधारा से असहमति रखता है।’’ अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन से आईएस के खिलाफ अभियान में योगदान देने का औपचारिक आग्रह किया था जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने सैन्य तैनाती का ऐलान किया है। (एपी)
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