
पालेमबैंग (इंडोनेशिया)। युवा भारतीय शटलर एचएस प्रणय ने रविवार को यहां स्थानीय प्रबल दावेदार फिरमान अब्दुल कोलिक पर सीधे सैटों में जीत दर्ज कर 1,25,000 डालर इनामी राशि का इंडोनेशियाई मास्टर्स ग्रां प्री गोल्ड खिताब अपने नाम किया। यह उनके करियर का पहला खिताब है। बेहतरीन फार्म में चल रहे पांचवें वरीय प्रणय ने 43 मिनट तक चले मुकाबले में पुरुष सिंगल्स के फाइनल में क्वालीफायर फिरमान को 21-11, 22-20 से पराजित किया। प्रणय पिछले हफ्ते होचिमिंह सिटी में 50,000 डालर की वियतनाम ग्रां प्री में उप विजेता रहे थे। 22 साल के प्रणय ने शुरुआती गेम में दबदबा बनाते हुए शुरू में 6-2 की बढ़त बना ली थी और इसे बढ़ाते रहे। फिर उन्होंने सीधे पांच अंक जुटाकर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। फिरमान ने दूसरे गेम में खुद को संभाला और 5-3 से आगे हो गए लेकिन प्रणय वापसी करते हुए इसे 6-6 की बराबरी पर ले आए और उन्होंने 9-7 की मामूली बढ़त बनाई। इस इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने फिर 12-9 से बढ़त बना ली और यह गेम रोमांचक हो गया। लेकिन प्रणय चार मैच पाइंट हासिल करने में सफल रहे। लेकिन फिरमान ने फिर लगातार चार अंक जुटाकर वापसी की और स्कोर 20-20 से बराबर कर दिया। प्रणय ने फिर अगले दो अंक अपनी झोली में डालकर अपने पहले खिताब का जश्न मनाया। प्रणय ने 2010 युवा ओलंपिक में लड़कों के सिंगल्स में रजत पदक जीता था।
सोचा नहीं था गोल्ड जीतूंगा: प्रणय पालेमबैंग। युवा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने 1,25,000 डालर इनामी राशि का इंडोनेशियाई मास्टर्स ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीतने के बाद कहा कि एक बार में सिर्फ एक मैच पर ध्यान लगाने की उनकी रणनीति कारगर रही। प्रणय पिछले हफ्ते वियतनाम ग्रां प्री में उप विजेता रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं इस जीत से सचमुच बहुत खुश हूंं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीत सकता हूं। मैं वियतनाम में हारने के बाद सचमुच काफी निराश था।’ खिताब के बाद प्रसन्न प्रणय ने कहा कि दिमाग में ज्यादा चीजें नहीं रखने से उन्हें पहला स्थान हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद मैंने एक बार में सिर्फ एक मैच पर ध्यान लगाने का फैसला किया और इसने अपना काम दिखाया। मेरा शरीर थका हुआ था लेकिन मैंने हर दिन खुद को प्रेरित किया और मुझे उसे हराने का भरोसा था लेकिन मैं नर्वस भी था।’ प्रणय ने कहा कि उन्होंने कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में जीत सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, ‘मंै जानता था कि अगर मैं अपनी बेसिक्स पर कायम रहूंगा और जीतने के बारे में नहीं सोचूंगा तो इसका फायदा होगा। सेमीफाइनल मैच काफी कठिन था लेकिन मैं चतुराई से खेला।’ राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच
पुलेला गोपीचंद ने कहा कि उन्हें प्रणय से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह सचमुच शानदार है। वह वियतनाम में ही भी अच्छा खेला और फाइनल तक पहुंचा। उसने इंडोनेशियाई मास्टर्स जीतकर सचमुच शानदार काम किया। वह इंडोनेशियाई खिलाड़ियों के बीच अंतिम दिन खेल रहा एकमात्र विदेशी खिलाड़ी था।’गोपीचंद ने कहा, ‘वह ऐसा खिलाड़ी है जिससे हमें काफी उम्मीदें हैं। वह हमारे कई बैडमिंटन खिलाड़ियों की तरह थोड़ा अनिंरतर रहा है। लेकिन पिछले दो हफ्ते में उसकी लय देखना अच्छा है। भविष्य में उसके लिए अच्छा करने के लिए यह खिताबी जीत मनोबल बढ़ाने वाली साबित होगी।’ कोच ने कहा, ‘भारतीय बैडमिंटन के लिए यह बहुत अच्छा है कि विभिन्न खिलाड़ी पदक और टूर्नामेंट जीत रहे हैं। हमारे पास कश्यप और गुरुसाईदत्त हैं जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता। श्रीकांत ने थाईलैंड में जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि हां, हमारे पास ली चोंग वेई और चेन लोंग नहीं हैं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि हम भविष्य में अगले स्तर तक पहुंचेंगे।’ गोपीचंद ने कहा कि एशियाई खेल हालांकि मुश्किल साबित होंगे लेकिन भारतीय खिलाड़ी पदक का लक्ष्य बनाए होंगे। उन्होंने कहा, ‘यह कठिन टूर्नामेंट होगा। हमने बीते समय में इसमें ज्यादा पदक नहीं जीते हैं लेकिन हमने राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप में पिछले दो टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए उम्मीद है कि हम एशियाई खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’ गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी अगले महीने राजस्थान में खुलेगी नई दिल्ली : राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद अगले महीने राजस्थान में अपनी कोचिंग अकादमी खोलने को तैयार हैं। गोपीचंद हैदराबाद में अपनी अकादमी चलाते हैं और जयपुर के भाजपा सांसद और ओलंपिक रजत पदकधारी निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उनसे इसी तरह की सुविधाओं से परिपूर्ण अकादमी राजस्थान में भी खोलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘देश में अन्य राज्य संघों से भी अकादमी खोलने के कई प्रस्ताव आए थे। राजस्थान संघ से भी मेरे पास आग्रह आया था। हम अकादमी के तौर पर अपना विस्तार करना चाहते थे।’ गोपीचंद ने कहा, ‘राजस्थान में, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मुझसे संपर्क किया और एक प्रस्ताव भेजा। हम अकादमी का विस्तार करना चाहते थे, इसलिए हमें यह अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में भी अकादमियां खोलने की योजना है। हम अगले कुछ महीनों में नए सेंटर खोलेंगे। राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार से कुछ चर्चा हुई है। हम छोटी-छोटी चीजों पर काम कर रहे हैं।’ गोपीचंद ने कहा, ‘हम एशियाई खेलों के समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद हम उचित घोषणा करेंगे। राजस्थान में यह अगले महीने से परिचालन शुरू कर देगी।’ (भाषा)
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