Friday, 12 September 2014 10:04 |

बंगलूर। विश्व स्तर पर सर्बिया के पहले टेनिस स्टार स्लोबोडान जिवोजिनोविच ने कहा कि मारिन सिलिच और केई निशिकोरी के अमेरिकी ओपन फाइनल में पहुंचने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता क्योंकि वर्तमान टेनिस में चोटी के चार खिलाड़ियों का दबदबा होने के कारण चुनौतीपूर्ण नहीं रहा।
सिलिच और निशिकोरी की सफलता से पहले 2005 से लेकर अब तक चोटी के चार खिलाड़ियों नोवाक जोकोविच, राफेल नडाल, रोजर फेडरर और एंडी मरे में से कोई न कोई ग्रैंडस्लैम फाइनल में खेलता रहा है। बोबो नाम से मशहूर जिवोजिनोविच की 1985 के आस्ट्रेलियाई ओपन में अमेरिकी दिग्गज जान मैकनरो पर जीत की अब भी टेनिस जगत में चर्चा होती है। वह पहली बार 1988 में भारत आए थे। उन्होंने तब रमेश कृष्णन और विजय अमृतराज को हराकर यूगोस्लाविया की डेविस कप में 3-2 की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। अब वह सर्बियाई टीम के साथ यहां आए हुए हैं। जिवोजिनोविच ने कहा कि पिछले कुछ सालों से चोटी के चार खिलाड़ियों के दबदबे के कारण खेल नीरस बन गया जो कि खेल के लिए अच्छा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘विश्व में टेनिस तेजी से आगे बढ़ रहा है
और आपको ऐसा खेल चाहिए जिसमें अधिक एक्शन हो। यदि खेल में कोई चुनौती नहीं हो तो फिर बच्चे उस खेल को पसंद नहीं करेंगे। वे चुनौतीपूर्ण खेल को चुनेंगे। हर मैच एक जैसा होता है। हर समय आप देखोगे कि वे अच्छा कर रहे हैं। शीर्ष चार खिलाड़ी सालों से ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रहे थे। इसलिए कुछ नया नहीं था। यह बोरिंग बनता जा रहा है।’जिवोजिनोविच ने कहा, ‘टेनिस धीमा खेल बनता जा रहा है। इसमें कोई एक्शन नहीं है। यदि आप रैकेट तोड़ देते हो तो आप पर जुर्माना लग जाएगा। उनका मानना है कि खेल में ऐसे खिलाड़ी होने चाहिए जो लोगों का ध्यान अपनी तरफ खीचें। बोबो ने कहा कि एशियाई क्षेत्र की जनसंख्या को देखते हुए निशिकोरी को अमेरिकी ओपन में सफलता सही समय पर मिली। उन्होंने कहा, ‘यह टेनिस के लिए महत्त्वपूर्ण है कि कोई जापानी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है। इसी तरह से चीन से कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है तो वह खेल के लिए अच्छा है क्योंकि यह काफी जनसंख्या वाला क्षेत्र है और इसे अच्छे परिणाम और नायकों की जरू रत है।’ (भाषा)
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