
जनसत्ता संवाददाता नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने की कवायद में लगी भाजपा पर आम आदमी पार्टी (आप) ने सबूत के साथ अपनी पार्टी के एक विधायक को भाजपा पक्ष में करने के लिए चार करोड़ रुपए और पद देने की पेशकश करने का आरोप लगाया। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि संगम विहार से आप विधायक दिनेश मोहनिया को दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर ने पार्टी छोड़ने के लिए चार करोड़ रुपए की पेशकश की थी। केजरीवाल उस स्टिंग आपरेशन की सीडी चलाने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे जिसमें डागर ने कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश की। यह भी कहा गया कि तीन और आप विधायकों से भी इसी तरह की पेशकश की गई है। डागर ने दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस कर आरोपों से पूरी तरह से इनकार किया और दावा किया कि उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित होता है तो मैं राजनीति छोड़ दूंंगा। डागर ने इस संबंध में पार्टी की ओर किसी भी जांच का सामना करने की पेशकश की। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पार्टी ‘स्टिंग आपरेशन’ का ‘रॉ फुटेज’ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी और भाजपा के ‘कुकर्मों’ को लेकर चुनाव आयोग से भी संपर्क करेगी। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्यक्ष ने आप के आरोपों से इनकार किया और कहा कि पार्टी ने इस तरह के काम के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया है। पार्टी नेता इससे पूरी तरह से पल्ला झाड़ रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा के कुछ नेता तो इसे भाजपा के खिलाफ साजिश बता रहे हैं, ताकि पार्टी उप राज्यपाल से सरकार बनाने के प्रस्ताव को नहीं स्वीकारे। सीडी की सच्चाई के बारे में उनका कहना था कि जिस पर आरोप लगा है उन्होंने उसका खंडन किया है। फिर भी पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दे कर उनसे तीन दिन में जबाब मांगा गया है। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेता हमारे विधायकों से संपर्क कर रहे थे और उन्हें पैसे और अन्य लालच देकर पाला बदलने के लिए कहा जा रहा था। इस बार उन्होंने आप विधायक दिनेश मोहनिया को चार करोड़ रुपए की पेशकश की। उन्होंने यह भी कहा कि वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं और यदि वह हार भी जाते हैं, तो उन्हें सरकार संचालित किसी बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा के पास संख्या बल है और वह सरकार बना सकती हैं तो उन्हें सरकार बनानी चाहिए। किसी भी हालात में हम भाजपा को अनैतिक तरीकों से सरकार नहीं बनाने देंगे।
आप के विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं और वे पार्टी तोड़ने वालों को करारा जवाब देंगे।चार दिन पहले नए सिरे से सरकार बनाने की कवायद शुरू होते ही आप के नेताओं ने भाजपा पर तोड़फोड़ कर सरकार बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने अनैतिक तरीके से सरकार बनने से रोकने के लिए शनिवार को अपने विधायकों की राष्ट्रपति के सामने परेड कराई थी। केजरीवाल ने दोहराया कि जब आप और कांग्रेस ने किसी भी दल को समर्थन देने के बजाय मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की है, तो फिर किस आधार पर भाजपा की सरकार बनेगी। आप तो विधानसभा भंग करवाने का लिए सुप्रीम कोर्ट गई है जिसकी अगली सुनवाई मंगलवार को है। प्रेस कांफ्रेंस में आप नेता संजय सिंह भी मौजूद थे। डागर ने अपने घर पर संवाददाताओं से कहा कि करीब डेढ़ महीने पहले आप विधायक ने उनसे संपर्क किया था और भाजपा में शामिल होने में रुचि दिखाई थी। उन्होंने कहा- मैंने आप विधायक को चार करोड़ रुपए की पेशकश नहीं की थीं, मुझे फंसाया जा रहा है। वे मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने पर विचार करूंगा, उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है, जो पूरी तरह आधारहीन हैं। डागर ने कहा वे 44 बरसों से राजनीति में हैं और जनता से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं। इस दौरान मेरी छवि स्वच्छ रही है। यदि आरोप साबित होता है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। भाजपा के एक प्रवक्ता ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि स्टिंग का ‘कोई महत्त्व नहीं है और यह बेकार है।’ उन्होंने कहा, ‘वीडियो से चीजें स्पष्ट नहीं हैं। उसकी प्रमाणिकता की जांच होनी चाहिए।’ वीडियो में डागर के साथ दिखने वाले मोहनिया ने कहा कि वह दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष डागर के निमंत्रण पर उनसे मिलने के लिए साउथ एक्सटेंशन स्थित आवास गए थे। डागर यह साबित करने में लगे हुए थे कि उनको आप ने एक साजिश की तरह फंसाने की कोशिश की है। उधर, मोहनिया ने कहा कि भाजपा के लोग मुझसे एक महीने से संपर्क में थे। मैंने सभी मुलाकातें रिकार्ड की हैं। मैं डागर से साउथ एक्सटेंशन स्थित उनके आवास पर मिला था। वैसे कहा जा रहा है कि पिछले हफ्ते सरकार बनाने की कोशिश शुरू होने से पहले ही आप ने अपने विधायकों को सजग करते हुए उनसे रिश्वत की पेशकश करने वाले की स्टिंग करने के लिए कहा था। इससे पहले भी दिल्ली छावनी के आप के विधायक ने इस तरह के आरोप लगाए थे।
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