
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और ए आर दवे की पीठ ने कोली की मौत की सजा की तामील पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी। उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में पीठ के समक्ष मध्य रात्रि के बाद एक अपील पेश की गयी और देर रात एक बज कर करीब 40 मिनट पर आदेश जारी किया गया। अधिकारी ने बताया कि आदेश के बारे में संबद्ध जेल प्राधिकारियों को बता दिया गया है। कोली को मेरठ जेल में आज सुबह रिपीट आज सुबह फांसी दी जानी थी। उसे मेरठ जेल में उच्च सुरक्षा वाली एक बैरक में रखा गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की अगुवाई में वकीलों के एक दल ने 42 वर्षीय कोली की ओर से आवेदन दाखिल किया। वकीलों ने उच्चतम न्यायालय के 24 जुलाई 2014 को दिए गए आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की है। न्यायालय ने 24 जुलाई के आदेश में निठारी में हुए बलात्कार और हत्याओं के मामले के दोषी कोली को सुनाई गई मौत की सजा की तामील पर रोक लगाने का अनुरोध ठुकरा दिया था। इंदिरा जयसिंह, अधिवक्ता युग चौधरी और अन्य ने कोली को सुनाई गई मौत की सजा की तामील पर रोक की मांग करते
हुए न्यायालय के 2 सितंबर को दिए गए फैसले का संदर्भ दिया है। न्यायालय ने 2 सितंबर को अपने फैसले में कहा था कि मौत की सजा का सामना कर रहे कैदियों की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में की जानी चाहिए। आज तड़के जारी आदेश में पीठ ने कहा है ‘‘(कोली की) पुनर्विचार याचिका पर 24 जुलाई 2014 को दिए गए आदेश पर फिर से विचार करने के लिए एक आवेदन 8 सितंबर 2014 को हमारे समक्ष पेश किया गया। आवेदन में कहा गया है कि मौत की सजा के वारंट पर 8 सितंबर 2014, सोमवार को सुबह 5 बज कर 30 मिनट पर तामील की जाएगी।’’ पीठ ने आगे कहा कि हमारे आदेश पर पुनर्विचार के लिए आवेदक :कोली: ने उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ की उस व्यवस्था का संदर्भ दिया है जिसमें 2 सितंबर 2014 को आदेश जारी किया गया था। न्यायालय ने कहा कि मामले की अत्यावश्यकता को देखते हुए आवेदक-याचिकाकर्ता को सुनाई गई मौत की सजा की तामील पर आज से एक सप्ताह की अवधि तक रोक लगाई जाती है। (भाषा)
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