Monday, 08 September 2014 09:16 |

जनसत्ता संवाददाता नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने को तैयार लग रही है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अगर उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार बनाने का न्योता दिया तो कुछ वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बाद भी भाजपा सरकार बनाने को तैयार है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने संकेत दिए हैं कि इस मुद्दे पर एक-दो दिन में फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल से निमंत्रण मिलने के बाद ही हम सरकार बनाने पर निर्णय लेने में सक्षम होंगे। उपाध्याय ने रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। पिछले तीन दिन राजनाथ सिंह से उनकी यह दूसरी बैठक थी। भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी सरकार बनाने को तैयार है, हालांकि नेताओं का एक धड़ा बहुमत के अभाव में विकल्प नहीं तलाशने के पहले के निर्णय की समीक्षा के खिलाफ था। सूत्रों ने कहा कि भाजपा में अधिकतर लोगों का मत है कि सत्ता संभालने में कुछ भी अनैतिक नहीं है क्योंकि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ नेताओं का अब भी मानना है कि अगर सरकार बनाने का निर्णय किया जाता है
और विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं होता है तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के लिए काफी असहज स्थिति होगी। सरकार बनाने के लिए पार्टी की चाहत का संकेत देते हुए उपाध्याय ने कहा कि किसी भी दल का कोई भी विधायक फिर से चुनाव नहीं चाहता है। भाजपा के अपने सहयोगी अकाली दल के एक विधायक के साथ विधानसभा में कुल 29 विधायक हैं। सदन में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को पांच और विधायकों की जरूरत होगी। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि आप के निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी और मुंडका से निर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन भाजपा का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। इसके बाद भी पार्टी को बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए तीन और विधायकों की जरूरत होगी। प्रदेश की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन पार्टी के तीन विधायकों हर्षवर्धन, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश राणा के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए हैं। इससे यह संख्या घटकर 28 रह गई है।
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