
तोक्यो। भारत को विनिर्माण इकाइयों के लिए एक अच्छे स्थान के रूप में पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी निवेशकों को भारत आने का न्योता दिया। मंगलवार को मोदी ने कहा कि भारत में व्यवसाय के लिए कायदे कानून आसान कर लालफीताशाही खत्म कर दी गई है और उसकी जगह निवेशकों के स्वागत में लाल कालीन का दौर आ चुका है।
निकेई और जापान की व्यापार संवर्द्धन संस्था जेट्रो की ओर से यहां आयोजित व्यावसायिक गोष्ठी में निवेशकों को संबोधित करते हुए मोदी ने भारत में विनिर्माण कारोबार को बढ़ाने के लिए अपने मेड इन इंडिया (भारत में निर्मित) नारे की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के पहले सौ दिन के कार्यकाल में देश में कारोबार करने वालों के लिए रास्ते आसान करने के लिए किए गए विभिन्न निर्णयों का भी जिक्र किया। मोदी ने अपनी यात्रा के चौथे दिन कहा कि भारत की तरह कोई भी दूसरा देश ऐसा मौका नहीं देता क्योंकि देश में लोकतंत्र है, युवा आबादी है और मांग है। इससे पहले सोमवार को उन्होंने एक अन्य समारोह में निवेशकों को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा कि वे भारत में निवेश कर अपना भाग्य आजमाएं। साथ ही कहा कि भारत में निवेश करने वाले कम लागत वाले विनिर्माण के जरिए लाभ के लिहाज से चमत्कार कर सकते हैं। उन्होंने कहा ‘विनिर्माताओं को क्या चाहिए? ..वे विनिर्माण की लागत में कमी चाहते हैं। वे उच्च लागत वाला विनिर्माण नहीं चाहते। सस्ता श्रम, कुशल श्रमशक्ति, आसान कारोबार प्रक्रिया और उदार माहौल। फिर यह भातर में व्यावहारिक हो जाता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा ‘भारत में अरबों खरबों डालर के निवेश की जरूरत है। इलेक्ट्रानिक बाजार विशेष तौर पर मोबाइल हैंडसेट क्षेत्र संभावनाओं वाला बड़ा बाजार है।’ सरकार ने 125 करोड़ लोगों के लिए डिजिटल इंडिया नाम से एक योजना बनाई है जो मिशन मोड में चलाई जाएगी। भारत में बड़ी संभावना क्यों है। इस बारे में मोदी ने कहा कि करीब 50 शहरों में मेट्रो निर्माण की योजना और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र बड़ी संभावना पेश करता है। उन्होंने कहा जापानी उद्योगपतियों को आकर्षित करते हुए कहा ‘भारत आपको आमंत्रित करने के लिए तैयार है। भारत में निर्माण करें। आप जो भी सुविधा चाहते हैं वह वहां है।’ मोदी ने विशेष तौर पर लघु एवं मध्यम उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उपलब्ध मौके का यह कहते हुए जिक्र किया भारत की विशेषज्ञता साफ्टवेयर में है और जापान की विशेषज्ञता हार्डवेयर क्षेत्र में जिसे एक दूसरे से जोड़ने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आर्थिक मामले में नया इतिहास रचने का आह्वान करते हुए कहा ‘बगैर जापान के भारत अधूरा है और बिना भारत जापान आधा-अधूरा।’ उन्होंने अपनी सरकार के फैसला
करने की तेज रफ्तार को रेखांकित करते हुए कहा ‘मैं आपको आश्वस्त करने आया हूं कि भारत में कोई लालफीताशाही नहीं है बल्कि लाल कालीन है। कारोबार आसान बनाने के लिए हमने कई नियमों में बदलाव किया है। इससे पहले किसी सरकार ने इतने कम समय में इतना कुछ नहीं किया है।’ उन्होंने कहा ‘भारत आपका स्वागत करने के लिए तैयार है। आपको जो भी सुविधा चाहिए हैं हम मुहैया कराएंगे।’’ उन्होंने कहा कि 125 करोड़ की आबादी वाला बाजार उनका इंतजार कर रहा है। मोदी ने कहा ‘मैं आपको एशिया की शांति और प्रगति के लिए आमंत्रित करता हूं। हमें साथ मिल कर काम करने की जरूरत है। अपना भाग्य आजमाइए, अपनी क्षमता आजमाइए।’ उन्होंने कहा ‘आप भारत में विनिर्माण कर न सिर्फ भारत की बल्कि पूरे विश्व की जरूरत पूरी कर सकते हैं।’ मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने नीतिगत बदलाव किए हैं ताकि कारोबार प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। उन्होंने पहली तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के बढ़ कर 5.7 फीसद दर्ज होने का भी जिक्र किया जो पिछले दो-तीन साल से पांच फीसद से कम पर थी। भारत को विनिर्माण का संभावित केंद्र के तौर पर पेश करते हुए मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक बाजार तक पहुंचने के लिए ‘ईश्वर प्रदत्त स्थान’ है क्योंकि यहां शानदर समुद्र तट है, कुशल श्रमशक्ति और कम लागत वाला कच्चा माल है। जापानी उद्योगपतियों से मोदी ने कहा ‘आप कमाल जो दस साल में करते हैं वह आप दो साल में कर सकते हैं। ऐसी संभावनाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र, सुरक्षा और न्याय की गारंटी देता है। अपनी ‘भारत में विनिर्माण’ की दृष्टि के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मंशा देश में बने उत्पाद को ब्रांड बनाने की है जिसकी गुणवत्ता की विश्वसनीयता जापान में बने उत्पादों की तरह हो। विश्व भर में लोग सस्ता सामान चाहते हैं और भारत में बना उत्पाद जापानी कंपनियों के लिए व्यावहार्य होगा। उनसे पूछा गया कि वे जापान के सिर्फ लघु एवं मध्यम उपक्रमों को भारत में प्रवेश को तरजीह क्यों देते हैं तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा ‘जापान की छोटी चीज भी भारत के लिए बड़ी है।’ उनसे जब यह पूछा गया कि यदि देश में विदेशी कंपनियां उत्पाद बनाएंगी तो वे अपनी राष्ट्रवादी छवि कैसे बरकरार रखेंगे, मोदी ने कहा कि इसमें कोई विरोधाभास नहीं है क्योंकि मैं इसे विस्तार की तरह देखता हूं। उन्होंने कहा कि जब पर्यटक कहीं जाता है, तो उसकी पहचान नहीं बदलती। (भाषा)
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