Tuesday, 02 September 2014 15:49 |

मुंबई। विदेशी इकाइयों सहित किसी की भी असहज अनुसंधान रपटों से घरेलू शेयर बाजारों की रक्षा के लिए सेबी ने ‘अनुसंधान विश्लेषकों’ के वास्ते नियमों की अधिसूचना जारी की है। इससे इन विश्लेषकों की गतिविधियों में किसी तरह के हितों के टकराव से बचा जा सकेगा।
भारतीय बाजारों या भारत में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अनुसंधान विश्लेषक के तौर पर कार्य कर रही विदेशी इकाइयों को भारत में एक पंजीकृत इकाई के साथ गठबंधन करना आवश्यक होगा, जबकि घरेलू फर्मों को सख्त खुलासा व जांच प्रक्रिया अपनानी होगी। बाजार के रच्च्ख या कंपनी विशेष के शेयर भाव को प्रभावित करने के लिए पूर्व में निवेशकों के बीच जारी की गई ‘गडबड़’ अनुसंधान रपटों की घटनाओं के मद्देनजर ‘प्रतिनिधि’ सलाहकारों या
अनुसंधान विश्लेषकों की तरह सेवाएं उपलब्ध कराने वाले लोगों के लिए भी नियम बनाए गए हैं। इन नए नियमों को सेबी :अनुसंधान विश्लेषक: नियमन, 2014 के तौर पर जाना जाएगा। सेबी ने कल जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘‘ ये नियमन आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने की तिथि से 19वें दिन से प्रभावी हो जाएंगे।’’ नए नियमों के मुताबिक, अनुसंधान विश्लेषक के तौर पर काम करने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति या इकाई को निर्धारित मानकों को पूरा करने के बाद अपना पंजीकरण कराना होगा। ये मानक पात्रता, पूंजी पर्याप्तता, आंतरिक नीतियों व प्रक्रियाओं की स्थापना आदि से संबद्ध होंगे। (भाषा)
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