Friday, 29 August 2014 10:51 |

गाजा सिटी। इजराइल और हमास के बीच 50 दिनों तक चली लड़ाई के बाद लागू युद्धविराम के साथ ही गाजा में मानवीय सहायता पहुंचनी शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस लड़ाई में किसी की जीत नहीं हुई है। स्थायी युद्धविराम लागू होने के दूसरे दिन गुरुवार को तटवर्ती क्षेत्रों के लाखोंं लोगों के कानों में गोलीबारी की आवाज नहीं गूंजी। अब चारों ओर शांति है। लोग अपने घरों में लौटने लगे हैं। सात हफ्ते के हिंसक युद्ध के बाद मंगलवार शाम स्थायी युद्धविराम पर दोनों पक्षों में सहमति बनी जिसका वाशिंगटन, संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के शीर्ष राजनयिकों ने स्वागत किया। इस समझौते के अनुसार इजराइल मछली पकड़ने पर लगे प्रतिबंध को तुरंत हटाने पर तैयार हो गया है और नौकाओं को समुद्र तट से छह समुद्री मील तक जाने की छूट दी गई है। यह समझौता बुधवार तड़के से अमल में आ गया। गाजा के दो क्रासिंग एरेज और केरेम शालोम पर लगे प्रतिबंधों को भी राहत देने का अनुरोध किया गया, ताकि वस्तुओं, मानवीय सहायता और निर्माण सामग्री की आवाजाही सरल हो सके। यह गुरुवार से प्रभावी हुआ। इस बीच इजराइल के खुफिया मामले के मंत्री युवाल स्टेनित्ज ने एक इंटरव्यू में कहा
कि इजराइल ने हाल के पश्चिम एशिया संकट के समय इस बात पर गंभीरता से विचार किया था कि अगर मिस्र संघर्षविराम कराने में नाकाम रहता है और हमास राकेट दागना जारी रखता है तो गाजा पट्टी पर फिर से सैन्य नियंत्रण स्थापित किया जाएगा। संघर्ष विराम की घोषणा के कुछ देर पहले इजराइली सेना के कमांडरों ने आंतरिक सुरक्षा मामलों की कैबिनेट को अगले कदम के बारे सूचित किया था। युवाल स्टेनित्ज ने बीबीसी के कार्यक्रम ‘हार्ड टॉक’ में कहा-‘गाजा पर पूरी तरह से सैन्य नियंत्रण स्थापित करने पर गंभीरता से विचार किया गया था।’ उन्होंने कहा कि अगर हमास कुछ और हफ्तों या महीनों तक इजराइल में राकेट दागता रहता तो मेरा मानना है कि हमारे सामने यही एकमात्र विकल्प होता। मिस्र की मध्यस्थता में इजराइल और फिलस्तीन के बीच हुआ दीर्घकालीन संघर्ष विराम बीते मंगलवार से अमल में आया। इजराइल और फलस्तीनी संगठनों के बीच संघर्ष 50 दिनों तक चला जिसमें करीब 2200 फिलस्तीनी मारे गए। इनमें करीब 500 बच्चे शामिल थे। इजराइल की तरफ से 70 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर सैनिक थे।(एएफपी)
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