
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पीएमएल-एन नेतृत्व वाली सरकार ने पांचवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद प्रदर्शनकारियों के साथ टकराव की तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पद छोड़ने की प्रदर्शनकारियों की मांग को मानने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान और पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के प्रमुख तहीरूद कादरी ने कल रात पांचवें दौर की बातचीत बेनतीजा खत्म होने के बाद आधिकारिक वार्ताकारों के साथ संवाद संपर्क तोड़ दिया। पिछले साल हुए चुनाव में कथित गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए खान पीएमएल सरकार की बर्खास्तगी चाहते हैं, जबकि कादरी देश में क्रांति लाने के इच्छुक हैं। दोनो नेता अपने हजारों समर्थकों के साथ अगस्त के मध्य से संसद के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कादरी ने आज के दिन को क्रांति दिवस बताया और शाम तक कोई बड़ा ऐलान करने की बात कही। खान ने कहा कि वह परिवर्तन चाहते हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वह बड़ी संख्या में वहां पहुंचें। शरीफ ने आज
की अपनी प्रस्तावित तुर्की यात्रा स्थगित कर दी है। वह वहां तय्यब एरदोगन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने जाने वाले थे। अब उनके स्थान पर राष्ट्रपति ममनून हुसैन तुर्की जाएंगे। पीएमएल-एन सरकार पर दबाव उस समय और बढ़ गया, जब मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने शरीफ से कादरी की कानूनी मांगें मान लेने को कहा। अपने तथाकथित क्रांति एजेंडा के साथ ही कनाडा स्थित मौलवी चाहते हैं कि सरकार शरीफ, उनके छोटे भाई शाहबाज शरीफ और कुछ मंत्रियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करे। उनका कहना हे कि लाहौर में 17 जून को उनके 14 समर्थकों की हत्या में इन्हीं लोगों का हाथ है। सरकार ने कहा है कि अगर वह शरीफ बंधुओं का नाम हटा दें तो वह इस सिलसिले में मामला दर्ज करने को तैयार है, लेकिन कादरी ऐसा करने को तैयार नहीं हैं। (भाषा)
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