
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के पूर्व आयुक्त ललित कुमार मोदी का पासपोर्ट बहाल करने का बुधवार को आदेश दिया जिससे देश में उनके लौटने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति विभु बाखरू की पीठ ने मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश रद्द कर दिया लेकिन यह साफ कर दिया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत उनके द्वारा किए गए कथित उल्लंघनों के बारे में वह कोई विचार जाहिर नहीं कर रही है जिसकी जांच अधिकारी फेमा के तहत अलग से हो रही है। पासपोर्ट बहाल करते हुए पीठ ने कहा कि पासपोर्ट रद्द करते वक्त जिन चीजों पर विचार किया गया वह असंगत और अप्रासंगिक हैं। इसके बाद पीठ ने कहा कि मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश अवैध है क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और (जी) (कोई भी पेशे में संलग्न होने या कोई भी व्यवसाय या व्यापार करने) का उल्लंघन करता है। पीठ ने यह भी कहा कि फेमा के तहत जारी सम्मन का अनुपालन नहीं किए जाने के बारे में एक निश्चित प्रक्रिया और सांविधिक प्रावधान है और इस आधार पर कि यह आम लोगों के हित में है उनका पासपोर्ट रद्द करना न्यायोचित नहीं है। अधिकारियों ने तीन
मार्च 2011 और 31 अक्तूबर 2011 को पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपना फैसला लेते हुए अप्रासंगिक चीजों पर गौर किया। अदालत ने कहा कि हमारे विचार से एकल न्यायाधीश की पीठ ने 16 जनवरी 2013 को दिए अपने आदेश में विषय से जुड़े इन पहलुओं की पड़ताल नहीं की। 16 जनवरी 2013 को हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश की पीठ ने मोदी का पासपोर्ट रद्द करने के क्षेत्रीय एवं मुख्य पासपोर्ट अधिकारियों के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उधर, प्रतिबंधित राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के अधिकारी मोदी का पासपोर्ट बहाल किए जाने से खुश हैं। आरसीए कार्यालय में पदाधिकारियों और कर्मचारियों के बीच मिठाई बांटी गई। माना जा रहा है कि मोदी का पासपोर्ट बहाल होने से आरसीए को बीसीसीआई के खिलाफ अपनी लड़ाई को अधिक मजबूती से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। मोदी के वकील और आरसीए उपाध्यक्ष महमूद अब्दी ने कहा कि आरसीए अध्यक्ष का पासपोर्ट बहाल होना राज्य संघ के कदम को सही करार देता है। अब्दी ने कहा, इस आदेश से हमारा यह रुख सही साबित हुआ है कि उनके पासपोर्ट को गलत तरीके से रद्द किया गया। और कानून की नजर में वह आधार नहीं टिकता। (भाषा)
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