
काबुल। निवर्तमान अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने आज राष्ट्रपति पद के चुनाव के दोनों उम्मीदवारों का आह्वान किया कि वे चुनाव नतीजों पर अपना विवाद खत्म करें और देश के हालात और भी बदतर होने से बचाएं। अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए पहले दौर के चुनाव में साफ तौर पर किसी विजेता के नहीं उभरने और दूसरे दौर के चुनाव में जबरदस्त कदाचार के आरोपों से अफगानिस्तान कई माह से पंगु बना हुआ है। मौजूदा हालात के चलते अफगानिस्तान में गृहयुद्ध की वापसी के अंदेशों के मद्देनजर अमेरिका ने चुनावी प्रतिस्पर्धियों अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बीच गतिरोध खत्म करने के उद्देश्य से एक आपात करार कराया। गनी विश्व बैंक के एक पूर्व अर्थशास्त्री हैं जबकि अब्दुल्ला तालिबान विरोधी लड़ाका हैं। बहरहाल, दोनों में से कोई उम्मीदवार पीछे हटने के लिए इच्छुक प्रतीत नहीं होता है और लगता है कि आने वाले दिनों तक यह विवाद भड़क जाएगा जब सभी 80 लाख वोटों के धोखाधड़ी निरोधी ऑडिट से कोई नतीजा उभरेगा। करजई ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण
में कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि हम एकताबद्ध रहेंगे, ताकि हमारा देश अमन और खुशहाली की तरफ बढ़े।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि अफगानिस्तान के चुनाव का जल्द ही कोई नतीजा आएगा। लोग बेसब्री से नतीजे का इंतजार कर रहे हैं।’’ अफगान राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे दोनों भाई-किसी समझौते पर पहुंचेंगे ताकि अफगानिस्तान में जल्द ही कोई समावेशी सरकार बने जिसमें कोई भी नहीं छूटे।’’ देश में राजनीतिक गतिरोध ने नस्ली विभाजन की याद ताजा कर दी है जिसके चलते 1990 के दशक में अफगानिस्तान को गृहयुद्ध झेलना पड़ा था। गनी के अनेक समर्थक दक्षिण और उत्तर के पश्तून हैं। उधर, अब्दुल्ला के वफादारों में ताजिक और अन्य उत्तरी समूह हैं। राजनीतिक अनिश्चितता से अफगानिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को चोट पहुंची है। अफगान अर्थव्यवस्था विदेशी सहायता पर निर्भर है। (भाषा)
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