
इस्लामाबाद। सरकार के विरोध में आयोजित होने वाली दो रैलियों के नेताओं ने आज संकल्प लिया है कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस्तीफा न दे दें। पाकिस्तान की राजधानी में इन नेताओं के हजारों समर्थक इकट्ठा हो गए हैं और 15 माह पुरानी असैन्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान और कनाडा निवासी धार्मिक नेता ताहिर उल कादरी के नेतृत्व में विपक्षी समूह पिछले साल के चुनावों में हेराफेरी किए जाने का आरोप लगाते हुए शरीफ पर दोबारा चुनाव कराने का दबाव बनाने के लिए राजधानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की अध्यक्षता करने वाले खान ने कहा, ‘‘किसी भी स्थिति में हम यह (पिछला) चुनाव स्वीकार नहीं करेंगे। मैं यहां बैठ रहा हूं, नवाज के पास एक विकल्प है। इस्तीफा दे दें और दोबारा चुनाव के आदेश दें।’’ बारिश के बीच अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा, ‘‘मैं तब तक यहां से नहीं हटूंगा, जब तक अपने देश के लिए असली आजादी हासिल नहीं कर लेता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोकतंत्र को पटरी से नहीं उतार रहा क्योंकि देश में लोकतंत्र है ही नहीं।’’ प्रदर्शनकारी लाहौर से 35 घंटे से ज्यादा समय में 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर यहां पहुंचे हैं। खान ने आज दोपहर तीन बजे से शरीफ के इस्तीफे तक धरने पर बैठने की घोषणा की है। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इन्हीं भावनाओं को दोहराते हुए ‘‘जाओ नवाज जाओ’’ के नारे लगाए। खान के समर्थकों ने कहा कि बारिश और सफर से खान की सेहत पर असर पड़ा है और वे पिछले 40 घंटों से सोए नहीं हैं। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री परवेज खट्टक के अनुसार, खान को तेज बुखार था। उन्होंने कार्यकर्ताओं से खान के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करने के लिए कहा। कादरी के ‘‘क्रांति मार्च’’ के हजारों समर्थक भी इस्लामाबाद में एक अलग आयोजन स्थल पर पहुंच गए। कादरी ने राजधानी में पहुंचने से पहले मीडिया को बताया, ‘‘सबकुछ शांतिपूर्ण ढंग से होगा। सरकार को इस्तीफा देना है, विधानसभाएं भंग की जानी हैं और नई व्यवस्था को इनकी जगह
लेनी है।’’अपने खराब स्वास्थ्य के कारण वे इस्लामाबाद पहुंचने के बाद अपने समर्थकों को संबोधित नहीं कर पाए और दिन में बाद के समय वे उनसे मुलाकात करेंगे। कादरी के प्रवक्ता काजी फैज ने कहा कि धार्मिक नेता का गला खराब है लेकिन वे कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। यह राजनैतिक अस्थिरता ऐसे समय में पैदा हुई है, जब पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, खासतौर पर अफगानिस्तान के साथ लगने वाली सीमा पर स्थित अशांत कबीलाई इलाकों में। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने कल असैन्य सरकार को हटाने के किसी भी असंवैधानिक कदम के खिलाफ आदेश जारी किया था क्योंकि विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप सरकार को सत्ता से हटाए जाने का खतरा है और इससे देश में सैन्य हस्तक्षेप का डर बना हुआ है। खान और कादरी ने पहले यह योजना बनाई थी कि शरीफ को सत्ता से बेदखल करने के लिए वे एक संयुक्त रैली निकालेंगे लेकिन बाद में दोनों के बीच मतभेद उभर आए। खान ने अपने ‘‘आजादी मार्च’’ की शुरुआत लाहौर स्थित जामन पार्क आवास से की जबकि कादरी ने अपने ‘‘इंकलाब मार्च’’ की शुरुआत शहर के मॉडल टाउन इलाके से की। सरकार को उम्मीद है कि मार्च करने वाले लोग शांतिपूर्ण ढंग से बिखर जाएंगे क्योंकि खान और कादरी की कुछ मांगों को मानने के लिए पिछले दरवाजे से प्रयास पहले ही जारी हैं। खान और कादरी पिछले साल हुए चुनावों में हुई कथित धोखाधड़ी के खिलाफ अब अलग-अलग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कल, खान के नेतृत्व वाला मार्च गुजरांवाला शहर से होकर गुजरा तो खान के वाहन पर गोलियां चलने के बाद खान के काफिले और शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। शरीफ ने चुनावों में हुई धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों के एक पैनल की नियुक्ति की घोषणा पिछले मंगलवार को की थी। सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैन्य बलों के जवानों को तैनात किया है। (भाषा)
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