चेन्नई। फिनलैंड हैंडसेट कंपनी नोकिया को राहत देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय
ने तमिलनाडु सरकार की 2,400 करोड़ रुपए की वैट मांग आज खारिज कर दी और अधिकारियों को कर आकलन की ‘नए सिरे से’ समीक्षा करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बी. राजेंद्रन ने नोकिया की याचिका स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के आदेश को दरकिनार कर दिया और कंपनी को कर मांग का 10 प्रतिशत ‘‘आकलन की समीक्षा की पूर्व शर्त के तौर पर’’ आठ सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया। कंपनी ने तमिलनाडु सरकार के बिक्री कर विभाग के 2009-10, 2010-11, 2011-12 की अवधि के लिए आकलन और 2,400 करोड़ रुपए के वैट के लिए नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जज ने प्रवर्तन उपायुक्त (दक्षिण) को नोकिया को अपना पक्ष रखने का अवसर देने, दस्तावेजों को देखने एवं
कंपनी के इरादे के मुताबिक आदेश पारित करने का भी निर्देश दिया।जज ने व्यवस्था दी कि अधिकारियों द्वारा जारी मांग नोटिस अब भी वैध हैं। जज ने महाधिवक्ता ए.एल. सोमैयाजी की यह दलील खारिज कर दी कि व्यक्तिगत स्तर पर सुनवाई का अवसर देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘जब सुनवाई के इस तरह के अवसर की मांग की जाती है तो यह याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई जानी चाहिए।’’ तमिलनाडु सरकार ने नोकिया पर कर चोरी का आरोप लगाते हुए 2,400 करोड़ रुपए की मांग का नोटिस जारी किया जिसका कंपनी ने विरोध किया और मामला उच्च न्यायालय में पहुंच गया। (भाषा)
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