Friday, 14 March 2014 11:50 |
जनसत्ता ब्यूरो
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने रैलियों में अपने उम्मीदवारों का प्रचार करने के बारे में फैसला अण्णा हजारे पर छोड़ते हुए गुरुवार को गेंद उन्हीं के पाले में डाल दी।
बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में तृणमूल कांग्रेस की रैली में ममता बनर्जी के साथ अण्णा हजारे को भी पहुंचना था। लेकिन वे राजधानी में मौजूद होते हुए भी खराब सेहत का हवाला देकर कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचे। रैली में बहुत कम लोग पहुंचे थे। पार्टी को हजारे का यह व्यवहार रास नहीं आया, लेकिन अभी उसने उन पर किसी तरह का आरोप लगाने से बचने की कोशिश की है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि अगर अण्णा जी स्वस्थ रहते हैं और वे आना चाहते हैं तो हमें कोई समस्या नहीं है। सब कुछ उनकी पसंद पर निर्भर करेगा। वे चुनावों के लिए हजारे के
साथ साझा रैली की संभावना के सवाल पर जवाब दे रहे थे।
पार्टी का प्रचार अभियान राष्ट्रीय स्तर पर आक्रामक तरीके से शुरू करने की ममता बनर्जी की आकांक्षा को रैली में कम लोगों की मौजूदगी से ज्यादा अण्णा हजारे की गैर मौजूदगी से झटका लगा। जब राय से पूछा गया कि क्या तृणमूल कांग्रेस को हजारे के रैली में नहीं पहुंचने में कोई साजिश नजर आती है, तो उन्होंने कहा कि यह तो जांचकर्ताओं को देखना है कि ऐसी कोई बात तो नहीं थी। हमें इसमें दिलचस्पी नहीं है। ममता ने भी बुधवार की शाम कहा था कि हजारे के प्रति उनका सम्मान वैसा ही बना रहेगा।
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