जनसत्ता ब्यूरो
नई दिल्ली। संसद गुरुवार को शर्मसार हो गई। लोकतंत्र के कथित रखवालों ने ऐसा उत्पात मचाया कि सारा देश स्तब्ध रह गया। तेलंगाना के गठन से जुड़े विधेयक का विरोध करने के चक्कर में कुछ सांसदों ने संसदीय इतिहास में एक काला पन्ना जोड़ दिया। कुछ सदस्यों के सदन में काली मिर्च का स्प्रे छिड़के जाने और माइक तोड़े जाने की घटनाओं और हंगामे के बीच सरकार ने लोकसभा में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2014 पेश होने का दावा किया।
बाद में भाजपा, सपा, बीजद, भाकपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से कहा कि वे स्वीकार नहीं करते हैं कि तेलंगाना विधेयक पेश हो गया है। सदन में घोर अव्यवस्था फैलाने, नियमों का उल्लंघन करने और जानबूझकर कार्यवाही में विघ्न डालने के आरोप में लोकसभा अध्यक्ष ने 17 सदस्यों को नियम 374-ए के तहत निलंबित कर दिया। नियम 374-ए के तहत ये सदस्य अध्यक्ष के इस आदेश के बाद स्वत: लगातार पांच बैठकों या सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित माने जाएंगे। निलंबित सदस्य पिछले कई सत्र से तेलंगाना पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालते रहे हैं। इनमें से वेणुगोपाल रेड्डी और राजगोपाल ने हद पार कर दी।
दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर राजगोपाल ने कोई पदार्थ छिड़का जिससे पूरे सदन में अफरातफरी मच गई और कई लोग अस्वस्थ हुए। वेणुगोपाल रेड्डी ने भी काफी उत्पात मचाया। उन्होंने अध्यक्ष के आसन से तेलंगाना के कागजात छीनने के साथ लोकसभा महासचिव के माइक को तोड़ डाला। बारह बजे कार्यवाही शुरू होने से पहले ही तेलंगाना विरोधी सांसदों ने लोकसभा में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। मीरा कुमार अभी आसन पर बैठ भी नहीं पाई थीं कि तेलुगु देशम के वेणुगोपाल रेड्डी ने लोकसभा महासचिव की कुर्सी पर चढ़कर अध्यक्ष की मेज पर रखे तेलंगाना विधेयक और अन्य कागजात छीनना शुरू कर दिया और महासचिव के माइक को खींचकर तोड़ डाला। कांग्रेस से निष्कासित एल राजगोपाल ने पेपरवेट उठाकर पत्रकार की मेज पर रखे एक बक्से को तोड़ डाला जिससे जोर का धमाका हुआ और उसके बाद अपनी जेब से कोई स्प्रे निकालकर चारों ओर छिड़कने लगे। स्प्रे छिड़कने से सदन
में और दर्शक व पत्रकार दीर्घाओं में बैठे सभी लोगों की आंखों में जलन होने लगी और खांसी आने लगी। कुछ सदस्य काफी असहज महसूस करने लगे जिसके बाद सदन में डाक्टर बुलाना पड़ा। कुछ सदस्यों को एंबुलेंस से राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया।
अफरातफरी के बीच गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तेलंगाना विधेयक पेश किया। भारी उत्पात और अफरातफरी में तेलंगाना विधेयक कब पेश हुआ, इसका पता ही नहीं चला। बाद में कानून मंत्री कपिल सिब्बल और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि विधेयक पेश कर दिया गया है। अध्यक्ष ने तेलंगाना विधेयक रखवाने की औपचारिकता पूरी करवाने के तुरंत बाद बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बैठक स्थगित होने के बाद भी हंगामा जारी रहा और सदस्यों व वाच एंड वार्ड के लोगों की बड़ी कोशिशों के बाद भी वेणुगोपाल रेड्डी और एल राजगोपाल पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था।
सदन की कार्यवाही दो बजे शुरू होने पर व्यवस्था नहीं बनी और कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। तीन बजे बैठक शुरू होने पर निलंबन के बावजूद उनमें से कई सदस्य सदन में पहुंच मार्शलों से उलझने लगे। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही वेणुगोपाल रेड्डी आसन के पास आ गए और कांग्रेस सहित कई दलों के 10-12 सदस्य किसी अनहोनी को रोकने के लिए अग्रिम पंक्तियों के आगे तैनात रहे।
पीठासीन सभापति सतपाल महाराज के सदन में आते ही वेणुगोपाल फिर से लोकसभा महासचिव की कुर्सी की ओर बढ़ते देखे गए। दूसरे सदस्यों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। वे लोकसभा सचिवालय के एक अधिकारी को उठाकर उनकी कुर्सी पर बैठ गए और वहां रखे कागजात और हेडफोन उछालने लगे। मौके की नजाकत को देखते हुए सतपाल महाराज ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी।
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