नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के 70 सीटों के लिए मतदाता आज अपने मत का प्रयोग करेंगे। राजनीति की गलियारों के बीच सभी की नजरें इस क्षेत्र के नए खिलाड़ी आम आदमी पार्टी पर टिकी होगी।
कड़े मुकाबले में पिछले 15 साल से वनवास में चल रही भाजपा ने सत्ता पाने के लिए जोरदार प्रचार किया जबकि शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस अपने चौथे कार्यकाल के लिए अपने विकास एजेंडे से लोगों को लुभाने की जी-तोड़ कोशिश की।
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनावी दंगल का परिदृश्य ही बदल डाला है। ऐसे में अब यह देखना रोचक होगा कि क्या अपने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से आप बस खेल बिगाड़ेगी या कुछ सीटें भी जीतेंगी जैसा कि ओपिनियन पॉल में अनुमान लगाया गया है।
भाजपा ने लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, अरूण जेटली, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी समेत अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार अभियान में उतारा था और इन नेताओं ने लोगों से भ्रष्ट कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करने का आह्वान करते हुए पूरी दिल्ली में अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार किया।
जहां अपने पूरे शीर्ष नेताओं के साथ अभियान में उतरी भाजपा का प्रचार कांग्रेस की तुलना में अधिक प्रभावी जान पड़ा वहीं आम आदमी पार्टी ने घर घर जाकर प्रचार किया और उसके नेता अरविंद केजरीवाल ने कई रोडशो को संबोधित किया।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने आप को गंभीर प्रतिस्पर्धी मानने से इनकार कर दिया है जबकि कई चुनावपूर्व सर्वेक्षणों में इस नई पार्टी
के लिए अच्छे समर्थन का अनुमान लगाया गया है।
वैसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दो चुनावी रैलियां संबोधित की लेकिन इस सत्तारूढ़ दल के पूरे प्रचार अभियान की कमान 75 वर्षीय मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने संभाले रखी जिन्होंने अपने ‘समग्र विकास एजेंडे’ के लिए चौथा कार्यकाल मांगा।
शीला दीक्षित के लिए यह सबसे कठोर चुनावी मुकाबला समझा जा रहा है। सत्ताविरोधी लहर के अलावा उन्हें सब्जियों और फलों के दामों में पिछले दो महीने में तीव्र वृद्धि को लेकर लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितकरण, पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग, पानी और बिजली की ऊंची दरें जैसे स्थानीय मुद्दों पर आरोप-प्रत्योराप का दौर चला।
कल 1.19 करोड़ मतदाता दिल्ली का भाग्यविधाता तय करने के लिए वोट डाल पाएंगे। उनमें से 4.05 लाख पहली बार वोट वोट डालने जा रहे हैं।
सत्तर सदस्यीय विधानसभा के लिए 810 उम्मीदवार चुनावी दंगल में हैं। भाजपा ने 66 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जबकि कांग्रेस और आप सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
बसपा ने 69, राकांपा ने 9 और सपा ने भी 27 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। कुल 224 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना राजनीतिक भाग्य आजमा रहे हैं।
(भाषा)
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