Monday, 02 December 2013 13:06 |
नई दिल्ली। ब्रोकरों, कोष प्रबंधकों एवं अन्य संस्थागत निवेशकों की डीलिंग रूम गतिविधियों पर बाजार नियामक सेबी की नजर है और इन पर वेबसाइट आधारित सोशल नेटवर्किंग एप्लिकेशंस व मैसेजिंग प्लेटफार्म के इस्तेमाल के जरिए शेयरों के भाव में कृत्रिम उतार-चढ़ाव लाने का संदेह है।
सूत्रों ने कहा कि जहां डीलिंग कक्षों में व्यक्तिगत मोबाइल फोन का इस्तेमाल पहले से ही प्रतिबंधित है, कुछ ब्रोकरों व कोष प्रबंधकों को सोशल नेटवर्किंग एवं अन्य मैसेजिंग प्लेटफार्मों पर सक्रिय पाया गया है।
डीलिंग रूम वह स्थान है जहां ग्राहकों की ओर से सौदे किए जाते हैं।
उन्होंने कहा
कि इससे भेदिया कारोबार का जोखिम उजागर होता है। ब्रोकरों व कोष प्रबंधकों को डीलिंग रूम में ग्राहकों से आर्डर लेने के लिए व्यक्तिगत मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। वहीं दूसरी ओर, फंड हाउस व ब्रोकरेज फर्मों को सेबी द्वारा भावी जांच के लिए सभी ग्राहकों के काल्स के रिकॉर्ड सहेजकर रखने की जरूरत होती है।
(भाषा)
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