Friday, 29 November 2013 09:17 |
जनसत्ता संवाददाता
नई दिल्ली। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजय जौली की अगुआई में तहलका की पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी के आवास पर कालिख पोतने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्त्व ने इसकी निंदा करते हुए ‘असभ्य हरकत’ बताया और कहा कि तहलका की पूर्व प्रबंध संपादक के आवास के बाहर हुए प्रदर्शन से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा कि इस घटना से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। मैं इसकी कभी सिफारिश नहीं कर सकती। जौली ने मुझे और अरुण जेटली को ऐसा करने के बारे में संकेत दिया था। हमने उन्हें सख्ती के साथ मना किया था क्योंकि यह पार्टी की विचाराधारा के खिलाफ है और असभ्यता है। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। बाद में प्राथमिकी दर्ज की गई। शोमा चौधरी ने सुरक्षा की मांग की है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि हम सभ्य तरीके से अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं, लेकिन यहां सभ्य तरीके से विरोध नहीं किया गया। मैं इसकी निंदा करती हूं। क्या कार्रवाई करनी है, इस बारे में पार्टी अध्यक्ष फैसला करेंगे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व दिल्ली प्रभारी नितिन गडकरी ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि पार्टी इस बारे में जौली से बात करके कार्रवाई करेगी। भाजपा के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन ने भी इस घटना की आलोचना की है।
वहीं पूर्व विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय जौली ने पार्टी नेतृत्त्व के दिए स्पष्टीकरण के विपरीत अपनी सफाई में कहा कि गुरुवार को उन्होंने साकेत क्षेत्र में भाजपा के महरौली से उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के समर्थन में
आयोजित पदयात्रा में भाग लिया। कार्यकर्ताओं को जब पता चला कि तहलका डॉट कॉम की (पूर्व) प्रबंध संपादक शोमा चौधरी जे-42, साकेत में रहती हैं तो कार्यकर्ता आवेश में आ गए, क्योंकि शोमा चौधरी ने पिछले आठ दिन से लगातार अपने प्रधान संपादक तरूण तेजपाल पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर उनका खुल कर समर्थन किया और पीड़ित महिला पत्रकार की लिखित शिकायत को अपने पास दबाकर रखा। इस मुद्दे पर न तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और न ही तहलका डाट कॉम के अंतर्गत किसी जांच कमेटी का गठन किया। इस विरोध प्रदर्शन को आयोजित करने में भाजपा की कोई भूमिका व योजना नहीं रही। यह प्रदर्शन महिला पत्रकार के साथ हुए यौन शोषण की घटना पर अब तक कोई कार्रवाई न होने के कारण गुस्से में हुआ।
जौली ने कहा कि स्थानीय युवा समर्थकों ने शांतिप्रिय ढंग से अपना विरोध प्रकट किया। उन्होंने कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं किया। यातायात को नहीं रोका। और न ही शोमा के घर में जबरन घुसे। कार्यकर्ताओं ने तेजपाल व शोमा चौधरी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी की। उसके बाद गुस्साए लोगों ने जौली के नेतृत्त्व में शोमा के घर के बाहर व नेमप्लेट पर काला रंग पोत दिया। इसके बाद पुलिस की सुरक्षा में शोमा अपने घर से कहीं के लिए रवाना हो गईं। जौली ने शोमा की नेमप्लेट पर कालिख पोतकर उस पर अंग्रेजी भाषा में ‘एक्यूज्ड’ (आरोपी) शब्द लिख दिया। आरोप है कि उन्होंने शोमा की कार पर भी चढ़ने का प्रयास किया।
|