नई दिल्ली। ‘युनाइटेड नेशंस कनवेंशन अगेंस्ट करप्शन’
(यूएनसीएसी) के तहत अनिवार्य प्रतिबद्धता के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की समीक्षा करने की योजना से संबंधित सरकार की प्रमुख फाइलों का ‘फिलहाल कोई अता-पता’ नहीं है।
आरटीआई द्वारा मिले जवाब के अनुसार कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने कहा कि यूएनसीएसी से संबंधित फाइलों का पता नहीं है।
विभाग ने कहा, ‘‘यह सूचित किया जाता है कि कार्यान्वयन प्रकोष्ठ हाल ही में बनाया गया और सभी उचित फाइलों का संपूर्ण संग्रह एकत्र करने की प्रक्रिया चल रही है।’’
डीओपीटी ने पीटीआई को दिए आरटीआई के जवाब में कहा, ‘‘आपकी ओर से किए गए आग्रह से संबंधित विषय से जुड़ी फाइलों का फिलहाल पता नहीं है। इनको ढूंढने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ’’
उसने कहा, ‘‘जब संबंधित फाइलें उपलब्ध हो जाएंगी, तब आपके आवेदन का पूरा जवाब दिया जाएगा।’’
डीओपीटी से आवेदन किया गया था
कि वह संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन को लागू करने को लेकर स्व-आकलन करने की योजना से संबंधित फाइलें मुहैया कराए।
यूएनसीएसी वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार की समस्या का निवारण करने के मकसद से कानूनी जरिए के तौर पर काम करता है। भारत ने 9 मई, 2011 को इसका अनुमोदन किया था।
भारत के यूएनसीएसी पर हस्ताक्षर करने वाले दो अन्य देशों के सरकारी विशेषज्ञों के जरिए वित्तीय वर्ष 2013-14 में इसकी समीक्षा कराने की उम्मीद थी।
डीओपीटी ने पिछले साल मई में स्वतंत्र विशेषज्ञों के जरिए स्व-आकलन करने के लिए अनुरोध प्रस्ताव जारी किया था।
भारत विश्व के उन 164 देशों में शामिल है जिन्होंने यूएनसीएसी के प्रावधानों को अनुमोदित अथवा अथवा स्वीकार कर लिया है।
(भाषा)
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