चंडीगढ। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने ‘रामलीला’ फिल्म के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में दायर प्राथमिकी को रद्द करने की बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली, अभिनेता रणवीर सिंह और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की याचिका पर पंजाब सरकार को आज नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति जतिंदर चौहान ने भंसाली और दोनों अभिनेताओं के खिलाफ 26 सितंबर को जालंधर में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता ललित कुमार और पंजाब सरकार से 14 नवंबर तक जवाब मांगा है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि 15 नवंबर को रिलीज होने वाली फिल्म ‘रामलीला’ की विषय वस्तु अत्यंत आपत्तिजनक है और यह हिंदू पौराणिक कथाओं में विश्वास रखने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है।
ललित कुमार की शिकायत के आधार पर जालंधर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
अदालत ने उच्च न्यायालय में याचिका लंबित होने के दौरान जालंधर में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर कोई फैसला नहीं सुनाया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि फिल्म का शीर्षक, इसका
ट्रेलर और फोटो अत्यंत आपत्तिजनक हैं तथा ये हिंदू पौराणिक कथाओं में विश्वास रखने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं।
ललित कुमार ने आरोप लगाया कि फिल्म की कहानी का भगवान राम के जीवन से कुछ भी लेना देना नहीं है।
भंसाली, रणवीर और दीपिका ने अपनी याचिका में कहा कि फिल्म विलियम शेक्सपीयर की प्रेमकथा ‘रोमियो और जूलिएट’ से प्रेरित है।
उनका दावा है कि राम और लीला फिल्म के मुख्य किरदारों के नाम हैं और इस तरह फिल्म का शीर्षक तर्कसंगत है। इसलिए आईपीसी की धारा 295-ए के तहत उल्लंघन का कोई मामला नहीं बनता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने सिनेमैटोग्राफी कानून के तहत फिल्म को प्रमाण पत्र दिया है और इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता कि उनका इरादा किसी समुदाय या वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करना था।
(भाषा)
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