Tuesday, 08 October 2013 16:55 |
नई दिल्ली। दोषी सांसदों और विधायकों संबन्धी अध्यादेश के बारे में की गई अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि सच बोलने का कोई ‘सही समय ’नहीं होता क्योंकि सही समय का इंतजार करने में सच झूठ में बदल जाता है।
बाल्मीकि महासम्मेलन अधिकार दिवस पर अपने संबोधन में राहुल ने कहा ,‘‘मैं गुजरात में था। वहां मुझे पत्रकारों ने बताया कि विपक्ष कह रहा है कि मैने अध्यादेश के बारे में बोलने के लिए सही समय नहीं चुना। क्या सच बोलने का भी कोई समय होता है अगर आप सच बोलने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं, तो यह सच नहीं रह जायेगा बल्कि झूठ में बदल जाएगा। ’’ राहुल की टिप्पणी कि दोषी सांसदों और विधायकों संबंधी अध्यादेश ‘पूरी तरह बकवास ’ है
और ‘इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए ’ ,से एक विवाद खड़ा हो गया था और सरकार को उसे वापस लेने के लिए विवश होना पड़ा। गांधी ने विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया कि उसमें गरीबों के प्रति समझदारी का अभाव है। उन्होंने कहा ‘‘वे रात आपके घर में नहीं रूकते। वे आपकी तरक्की की सिर्फ बात करते हैं, लेकिन आपका हाथ नहीं थामते और वे आपकी दिक्कतें भी नहीं समझते।’’ इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय बाल्मीकि संघ ने किया था। संघ ने समुदाय की तरक्की में योगदान के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को ‘बाल्मीकि सम्मान’ प्रदान किया। (भाषा)
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