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Wednesday, 24 July 2013 11:58 |
वाशिंगटन। अमेरिका के एक जाने माने विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत साइबर क्षेत्र में पाकिस्तान, चीन तथा सरकार से इतर पाकिस्तानी तत्वों से खतरे का सामना कर रहा है और साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर वाशिंगटन को नयी दिल्ली के साथ साझेदारी विकसित करने की जरूरत है।
सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक इंटरनेशनल स्टडीज, टेक्नोलॉजी एंड पब्लिक पॉलिसी प्रोग्राम के निदेशक एवं वरिष्ठ फेलो जेम्स लेविस ने कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा, ‘‘भारत के खिलाफ कुछ तरह के हमले करते रहे पाकिस्तान, सरकार से इतर पाकिस्तानी तत्व या सरकार प्रायोजित तत्व साबइर सुरक्षा के क्षेत्र में भारतीयों की प्रमुख चिंता हैं । उनकी दूसरी चिंता चीन द्वारा की जाने वाली जासूसी है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘...इसलिए हमारे पास भारत के साथ काम करने का मौका है । हमें इस काम में बस यह ध्यान रखना चाहिए कि इससे ऐसा संदेश नहीं जाए कि हम
चीन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं ।’’ ‘एशिया : द साइबर सिक्योरिटी बैटलग्राउंड’ से संबंधित सदन की विदेश मामलों की समिति की एशिया और प्रशांत उप समिति की सुनवाई के दौरान लेविस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इसे लेकर चीनी बहुत चिंतित हैं । हमें भारत के साथ साझेदारी विकसित करने की जरूरत है, लेकिन हमें यह इस तरह करना चाहिए कि इससे ऐसा प्रतीत नहीं हो कि हम जानबूझकर चीन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं ।’’ मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और ईस्ट वेस्ट इंस्टिट्यूट के जाने माने फेलो कार्ल राउशर ने कहा कि राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र स्थापित करने का भारत का फैसला सही दिशा में लिया गया फैसला है । (भाषा)
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