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Wednesday, 17 July 2013 12:51 |
लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत में आज बताया गया कि तीन सिखों ने बदला लेने के लिए अवकाशप्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बरार पर लंदन में हमला किया था और उनका गला काटने की कोशिश की थी।
मनदीप सिंह संधू (34), दिलबाग सिंह (36) और हरजीत कौर (38) पर आरोप है कि उन्होंने बरार को गंभीर रूप से घायल करने के इरादे से उन पर हमला किया था। तीनों ने खुद को बेकसूर बताया है। इन तीनों को कल सुनवाई के दूसरे दिन साउथवार्क क्राउन अदालत में पेश किया गया था। इन तीनों के साथ मौजूद रहे 33 वर्षीय बरजिंदर सिंह संघा ने हमले में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपी मानते थे कि वर्ष 1984 में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में हुई कथित ज्यादतियों के लिए लेफ्टिनेंट जनरल :अवकाशप्राप्त: बरार जिम्मेदार थे। अभियोजक एनाबेल डार्लो ने कहा कि हरजीत कौर ने बरार को गत सितंबर में लंदन के वेस्ट एंड में देखा था जब वह पत्नी मीना के साथ छुट्टियां मनाने वहां गए थे। वर्ष 1984 में आॅपरेशन ब्लू स्टार की अगुवाई करने वाले 78 वर्षीय बरार अपनी पत्नी मीना के साथ सितंबर में निजी यात्रा पर लंदन आए थे, तब उन पर संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था। हमले में बरार गंभीर रूप से घायल हो गए थे लेकिन उनकी पत्नी बच गयी थीं। उनकी पत्नी ने ही पुलिस को बुलाया था। डार्लो ने कहा कि वह यह साबित करेंगी कि हरजीत कौर ने बरार के ठिकाने के बारे
में हमले वाले दिन हमलावरों को बताया था। संधू और दिलबाग बरार पर हमला करने के आरोपी हैं। संघा ने खुद पर लगाए गए आरोपी स्वीकार कर लिये हैं और सुनवाई के खत्म होने के बाद उसे सजा सुनाई जाएगी। अभियोजक एनाबेल डार्लो ने कहा ‘कुलदीप बरार के गले पर चाकू से वार किया गया। उनके गले और चेहरे पर गहरी चोटें आई थीं।’ उन्होंने कहा ‘बरार को गंभीर रूप से घायल करने में सभी की भूमिका थी।’ भारत से वीडियोलिंक के माध्यम से गवाही देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल :सेवानिवृत्त: बरार ने कहा कि एक वेबसाइट में उन्हें सिखों का दुश्मन नंबर एक घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें मिली एक अन्य धमकी में कहा गया था कि उन पर सात जानलेवा हमले किए गए जो नाकाम रहे लेकिन आठवां हमला सफल होगा। कल जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो ज्यूरी ने डार्लो द्वारा सबूत के तौर पर पेश किए गए, सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे जिसमें एक व्यक्ति घटना स्थल से भागता नजर आ रहा था। डार्लो के अनुसार, ज्यूरी ने वह फुटेज भी देखा जिसमें बरार हमले के तत्काल बाद जमीन पर गिरते नजर आए। इससे पहले, सुनवाई के दौरान संधू ने माना कि वह मौके पर मौजूद था लेकिन हमले में शामिल नहीं था। दिलबाग सिंह ने हमले वाले दिन उसकी मौजूदगी की पुष्टि करने या इंकार करने से मना कर दिया। भाषा
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