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Tuesday, 16 July 2013 17:39 |
गढ़चिरोली। महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में घने जंगलों के बीच एक सुदूर आदिवासी बहुल गांव देश को आजादी मिलने के 65 साल बाद अब जाकर बिजली से रोशन हो पाया है।
चामोरसी से 40 किलोमीटर दूर मुलचेरा तालुका का गरंजी गांव इतने सालों से अंधेरे में था और इसी सप्ताह महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की ओर से बिजली की आपूर्ति पहली बार शुरू की गयी तो गांव वालों को भरोसा ही नहीं हुआ। हालांकि अपने जीवन में प्रकाश की इस किरण से उत्साहित गांव वालों ने मिठाइयां बांटी, ढोल बजाए और पूरे गांव में तोरण सजाए। बिजली आने के कुछ ही दिन के भीतर अनेक ग्रामीणों ने अपनी बुनियादी जरूरतों के
हिसाब से बल्ब, लैंप और अन्य सामान खरीदना शुरू कर दिया। गांव में बिजली की लाइन के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं और निवासियों ने लंबा संघर्ष किया है। स्थानीय आदिवासी संगठन आदिवासी परिषद ने तो इस संबंध में मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग ने स्वतंत्र जांच शुरू कर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। गांव में बिजली के तार बिछाने को लेकर उत्साह इस कदर था कि मजदूरों की कमी होने पर गांव वालों ने खुद हाथ बढ़ाये और बिजली के खंभे खड़े करने में अधिकारियों की मदद की। (भाषा)
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