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Tuesday, 16 July 2013 09:05 |
पटना। भाजपा राज्य सरकार से प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में ठेके पर बहाल शिक्षकों का मानदेय बढ़ाकर दोगुना करने और वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के चार साल से बकाया अनुदान का शीघ्र भुगतान करने की मांग की है।
पार्टी के एक कार्यक्रम में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार से प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में ठेके पर बहाल शिक्षकों का मानदेय बढ़ाकर दोगुना करने की मांग की है। उन्होंने वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के चार साल से बकाया अनुदान राशि का शीध्र भुगतान करने की भी मांग सरकार से की है। मोदी ने कहा कि पंचायत और प्रखंड में स्थित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में ठेके पर बहाल शिक्षकों को राज्य सरकार क्रमश: सात हजार रुपए, आठ हजार रुपए और नौ हजार रुपए प्रतिमाह देती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में बहाल होने वाले की न्यूनतम योग्यता मैट्रिक है, जबकि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक के पद पर बहाली की न्यूनतम योग्यता क्रमश: 12वीं और स्नातक है। मोदी ने कहा कि मैट्रिक तक पढ़े चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी को जहां करीब साढ़े 14 हजार रुपए का वेतनमान मिलता है, वहीं नई पीढ़ी का निर्माण करने वाले इन शिक्षकों को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से भी कम वेतन दिया जा रहा है। सुशील कुमार मोदी ने ठेका शिक्षकों को हर पांच साल पर प्रोन्नति देने, हर साल उनके वेतन में पांच फीसद की वृद्धि करने, वेतन का भुगतान बैंकों से करने, इनका स्थानातंरण नियोजन इकाई के बाहर भी करने और उन्हें पेंशन देने के प्रस्ताव को लागू करने और उन्हें चिकित्सा भत्ता देने की मांग की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, ओडीसा और झारखंड सरकार ने ऐसे शिक्षकों का वेतन बढ़ा दिया है। बिहार सरकार भी चाहे तो ऐसा कर सकती है। मोदी ने कहा कि बिहार में एक लाख 74 हजार नियमित शिक्षकों का पद सृजित था। लेकिन उनके सेवानिवृत्त होने पर उन पदों को खत्म किए जाने और नई नियुक्ति नहीं करने का सरकार ने निर्णय लिया था। अब उनकी संख्या घटकर 94 हजार रह गई है। उन्होंने कहा
कि एक लाख 74 हजार नियमित शिक्षक अगर आज कार्यरत होते तो उनपर 8352 करोड़ रुपए का खर्च होता। लेकिन अब 94 हजार शिक्षकों पर 3984 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। मोदी ने कहा कि ठेके पर बहाल शिक्षकों को दिए जाने वाले और 94 हजार शिक्षकों को भुगतान किए जाने वाली राशि के बाद भी राज्य सरकार के पास 2602 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि बच जाती है। जद (एकी) के भाजपा से नाता तोड़ने के पूर्व बिहार की नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रहे मोदी ने कहा कि सरकार के भीतर रहकर भी लगातार हम लोगों ने अपनी ओर से प्रयास किया कि शिक्षकों को अधिक से अधिक राशि का भुगतान हो ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें लेकिन सरकार के अंदर जो व्यवस्था है वह मुख्यमंत्री केंद्रित है। शिक्षा विभाग भाजपा के पास नहीं बल्कि जद (एकी) के पास था। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गठबंधन की अपनी सीमा और मर्यादा होती है। इसलिए हम चाहकर भी और सरकार में रहते हुए उनकी जो मदद करनी चाहिए थी वह नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि अब जबकि हम सरकार के बाहर हैं तो इन शिक्षकों के हितों के सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह आवाज बुलंद करेंगे और लड़ाई लड़ेंगे। मोदी ने कहा कि प्रदेश सरकार वित्त रहित डिग्री कॉलेजों, इंटर कॉलेज और माध्यमिक विद्यालयों के 2010 से बकाया अनुदान राशि का शीघ्र भुगतान करे। मोदी ने कहा कि प्रदेश में वित्त रहित 507 इंटर कॉलेज और 750 माध्यमिक विद्यालयों को पूर्व में सरकार की ओर से संबद्धता प्रदान की गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने इनकी संबद्धता को समाप्त करते हुए उपविधि 2011 के तहत इन्हें ट्रस्ट और सोसाइटी बनाने के बाद ही संबद्धता दिए जाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश सरकार की हुई बैठक में सेवा शर्त के संबंध नियमावली बनाने का फैसला लिया गया था। लेकिन उसे आजतक क्रियान्वित नहीं किया जा सका है। (भाषा)
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