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Monday, 15 July 2013 15:16 |
नयी दिल्ली। कांग्रेस को निशाना बनाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘धर्मनिरपेक्षता का बुर्का’ संबंधी टिप्पणी पर तिखी प्रतिक्रिया करते हुए सत्ताधारी पार्टी ने आज कहा कि यह ‘नंगी सांप्रदायिकता’ से कहीं बेहतर है।
कांग्रेस ने गुजरात में विकास के मुद्दे पर भी भाजपा चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के दावों की हवा निकालते हुए कहा कि मोदी के कार्यकाल में यह राज्य विकास के विभिन्न पैमानों में पिछड़ चुका है। कांग्रेस और केन्द्र सरकार पर अर्थव्यवस्था, विकास और भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर मोदी द्वारा कल किए गए प्रहार के दूसरे दिन अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव अजय माकन ने कहा, ‘‘भाजपा की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख अगर दुष्प्रचार अभियान और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान देते रहेंगे, तो हमें भी जवाब देना होगा।’’ माकन ने कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्षता का बुर्का नंगी संप्रदायिकता से कहीं बेहतर है। सांप्रदायिकता तोड़ती है, जबकि धर्मनिरपेक्षता जोड़ती है।’’ इससे पहले मोदी ने कल कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जब भी उसके सामने कोई संकट आता है, तो वह ‘सांप्रदायिकता का बुर्का’ पहन कर ‘बंकर में छुप’ जाती है।
मोदी पर ‘त्रुटिपूर्ण’ और ‘गलत’ आंकड़ें पेश करने का आरोप लगाते हुए माकन ने कहा कि एक व्यक्ति, जो ‘अपने ही लोगों की ठीक ढंग से सेवा
नहीं सका’ और खुद के राज्य में ‘असफल’ रहा, उसे पूरे देश से यह कहने का कोई हक नहीं कि उसे क्या करना चाहिए। माकन ने गुजरात में मोदी और कें्रद में राजग के पूर्व कार्यकाल की उपलब्धियों से तुलना कांग्रेस नीत शासन से करते हुए कहा कि जीडीपी विकास, पर्यटन और शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में संप्रग का प्रदर्शन कहीं बेहतर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने गुजरात में क्या किया है, जो वह देश में घूम घूम कर युवाओं को लेक्चर देने की कोशिश कर हैं।’’ माकन ने इसके साथ ही कहा कि गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए पिछले दस वषो’ में बेहद कम सैलानियों ने राज्य की यात्रा की और गुजरात से कुछ ही लोगों ने ओलंपिक में पदक जीता है। कें्रदीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि लोगों के पास समावेशी भारत या अलगाववादी भारत के दो विकल्प हैं। तिवारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम नजरियों के मौलिक संघर्ष के मूल मुद्दे पर वापस लौट आए हैं। कांग्रेस पार्टी का नजरिया बहुलतावादी और समावेशी है। वहीं विपक्ष के एक धड़े का नजरिया शुरच्च्आत से ही संकुचित, बहुसख्यंकवादी और सांप्रदायिक रहा है।’’
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