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Monday, 15 July 2013 09:11 |
भोपाल। हजरत निजामुद्दीन-हैदराबाद दक्षिण एक्सप्रेस के एक स्लीपर कोच में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान ने कथित तौर पर एक युवती की मोबाइल से ‘वीडियो क्लिप’ बनाई और विरोध करने पर उससे मारपीट की।
घटना में एक अन्य सीआरपीएफ जवान ने भी उसका साथ दिया। शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के भोपाल थाने से रविवार को मिली जानकारी के मुताबिक हंगामा बढ़ने पर किसी ने चेन खींचकर रेलगाड़ी को रुकवा दिया जिसके बाद दोनों जवान भाग गए। बाद में युवती की शिकायत पर जीआरपी थाना भोपाल में दो जवानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। दिल्ली से भोपाल आ रहे सीआरपीएफ के जवान इस स्लीपर कोच में थे। इसी कोच में विदिशा से रोजाना आना-जाना करने वाले यात्री भी थे। इनमें अपनी एक सहेली के साथ पीड़ित युवती भी शामिल थी। पीड़िता के मुताबिक यात्रा के दौरान उसकी नजर सामने बैठे सीआरपीएफ जवान पर पड़ी जो काफी देर से उसे घूर रहा था। युवती को लगा कि उसने अपने मोबाइल से उसकी ‘वीडियो क्लिप’ बनाई है। युवती ने जवान से बहस करते हुए उसका मोबाइल छीन लिया। इस पर नाराज सीआरपीएफ जवान ने युवती को तमाचा मार दिया, इस बीच एक और जवान युवती से उलझ गया। इसी कोच में मौजूद विदिशा के ज्ञान सिंह यादव ने जीआरपी को बताया कि घटना के बाद कोच में हंगामा हो गया और जवानों ने हाथापाई शुरू
कर दी। इसके बाद अन्य लोगों ने हस्तक्षेप किया। यह बात जब ट्रेन में मौजूद सीआरपीएफ के प्रभारी को पता चली तो उन्होंने मोबाइल लेकर क्लिप देखी और जवानों को भागने को कहा। इसी बीच किसी ने ट्रेन की जंजीर खींच दी और जवान भाग गए। इस झगडेÞ के कारण दक्षिण एक्सप्रेस भोपाल के निशातपुरा स्टेशन पर लगभग आधा घंटे खड़ी रही। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और भोपाल जीआरपी थाना पुलिस के पहुंचने के बाद ट्रेन रवाना हुई। भोपाल पहुंचकर युवती ने जीआरपी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इस दौरान कई दैनिक यात्री भी थाने पहुंच गए। भोपाल के जीआरपी थाना प्रभारी डीके जोशी ने बताया कि सीआरपीएफ के दो जवानों धर्मेंद्र कुमार और दिनेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जीआरपी थाने में शिकायत करने पहुंचीं दोनों युवतियों ने आरोप लगाया है कि जब वे थाना प्रभारी से शिकायत कर रही थीं, तभी सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ कमांडेंट थाने पहुंचे और युवतियों से मामले को नहीं उछालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के अधिकारी ने थाने में कहा कि जवानों की इस हरकत से वे शर्मिंदा हैं। पूरी बटालियन बदनाम होती है। उन्हें निलंबित कर बाद में नौकरी से निकाल दिया जाएगा, लेकिन इस मामले को उछाला नहीं जाए। (भाषा)
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