Tuesday, 21 May 2013 15:57 |
लाहौर। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आम चुनाव में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी :पीपीपी: की हार के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ताकतों को जिम्मेदार ठहराया है।
पीपीपी के टिकट पर पंजाब प्रांत से चुनाव लड़ने वाले नेताओं के साथ अपने निजी आवास पर मुलाकात में जरदारी ने दावा किया है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतें नहीं चाहती थीं कि उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आए। उन्होंने कहा, ‘‘ये ताकतें पीपीपी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से क्षेत्र के देशों के साथ किए गए समझौतों से खुश नहीं थीं।’’ पीपीपी के नेताओं का मानना है कि पिछली सरकार द्वारा ईरान और चीन के साथ क्रमश: गैस पाइप लाइन और ग्वादर बंदरगाह के संबंध में किए गए समझौतोंं से अमेरिका खुश नहीं था । जरदारी ने कहा कि पीपीपी के जनादेश को ‘चुरा’ लिया गया है लेकिन पार्टी विपक्ष के रूप में केन्द्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । उन्होंने कहा कि बतौर राष्ट्रपति सितंबर में अपना कार्यकाल
पूरा करने के बाद वह सक्रिय राजनीति में भाग लेंगे । चुनाव में हारे पीपीपी के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, राजा परवेज अशरफ और पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि उन्होंंने पार्टी को ऐसा नुकसान पहुंचाया है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती । मध्य पंजाब से चुनाव हारने वाले एक पीपीपी प्रत्याशी ने पीटीआई से कहा, ‘‘गिलानी के खराब प्रशासन और उर्च्च्जा संकट से अशरफ के सही तरीके से न निपट पाने का फल हमें 11 मई के चुनाव में भुगतना पड़ा है ।’’ पीपीपी के एक अन्य कार्यकर्ता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर, देश के 400 अरब रुपए का रिण चुका कर उर्च्च्जा संकट हल करने के बजाय बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम में 300 अरब रुपए बर्बाद करने के पार्टी के फैसले की आलोचना की । भाषा
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