Monday, 20 May 2013 13:19 |
मेलबर्न। मेलबर्न स्थित एक थिंक-टैंक आॅस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट :एआईआई: ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में यहां मौजूद कुशल भारतीय आव्रजकों की योग्यता का उपयोग किया जाना चाहिए ।
रिपोर्ट में उसने आॅस्ट्रेलिया के स्कूलों के पाठ्यक्रम में हिन्दी को शामिल करने की अपील करते हुए कहा कि यह राष्ट्रमंडल एशिया नीति का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए । आॅस्ट्रेलिया के जानेमाने पत्रकार हैमिश मैकडोनाल्ड द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा पिछले साल पेश एशिया श्वेत पत्र में हिन्दी को चार प्राथमिक भाषाओं
के रूप में माना गया । इसके अलावा इसमें चीनी, जापानी और इंडोनेशियाई भाषा को भी शामिल किया गया । मैकडोनाल्ड ने लिखा है कि स्कूली स्तर पर आॅस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय समुदाय हिन्दी की शिक्षा और शिक्षकों की प्राथमिक आपूर्ति कर देगा । उन्होंने लिखा है कि देश में मौजूद आॅस्ट्रेलियाई-भारतीय समुदाय के ज्यादातर ऐसे लोग जो शिक्षा के क्षेत्र में नहीं हैं फिर भी अच्छी भाषा जानते हैं, उन्हें प्रशिक्षण के जरिए बेहतर शिक्षक बनाया जा सकता है । भाषा
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