Monday, 20 May 2013 10:30 |
यरूशलम। एक कारोबार सलाहकार कंपनी :बिजनेस कंसलटेंट फर्म: के अध्ययन के मुताबिक पिछले आठ वर्षों में इस्राइल ड्रोन विमानों :मानव रहित विमान: का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है और उसने इन सौदों से 4.6 अरब डॉलर की कमाई की है ।
इसमें इस्राइल का भारत के साथ उसके मानव रहित विमानों में सुधार करने के लिए बड़ा सौदा शामिल नहीं है । ‘हारेत्ज’ की खबर के मुताबिक, ‘फ्रोस्ट एण्ड सुल्लीवन’ बिजनेस कंसलटेंट फर्म के अध्ययन के मुताबिक, इस्राइल के कुल सैन्य निर्यात का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा ड्रोनों की बिक्री का है । खबर के अनुसार, मानव रहित विमानों के उपकरणों के निर्यात का बाजार काफी उतार-चढ़ाव वाला होता है । इस्राइल ने वर्ष 2008 में ड्रोन विमानों :उपकरण सहित: के निर्यात से 15 करोड़ डॉलर की कमाई की थी जो अगले वर्ष :2009 में: बढ़कर 65 करोड़ डॉलर पहुंच गया । फर्म के अनुसार, वर्ष 2010 में सबसे ज्यादा निर्यात छोटे सर्विलांस
विमानों का हुआ । इस्राइल ने इस वर्ष 97.9 करोड़ डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात किया । रिर्पोट में यह कहा गया है कि वर्ष 2011 से ड्रोन का निर्यात कम हुआ है । वर्ष 2011 में यह 62.7 करोड़ डॉलर जबकि वर्ष 2012 में यह महज 26 करोड़ डॉलर रहा । हालांकि फर्म का कहना है कि वर्ष 2012 के निर्यात में इस्राइल और भारत के बीच उसके ड्रोन विमानों के आधुनिकीकरण के लिए हुए बड़े सौदे को नहंी जोड़ा गया है । यदि भारत के साथ हुए इस सौदे को जोड़ लिया जाए तो इस्राइल का वर्ष 2012 का निर्यात 10 करोड़ डॉलर और बढ़ जाएगा । अध्ययन के मुताबिक, इस्राइल ने वर्ष 2005 से 2012 के बीच अपना एक-तिहाई निर्यात अजरबैजान और भारत सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किया है । भाषा
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