Thursday, 16 May 2013 21:45 |
कोलकाता। प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में अप्रैल में हुई तोड़फोड़ की जांच करने के लिए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग द्वारा गठित जांच पैनल ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन का रवैया सहयोगात्मक नहीं है ।
जांच समिति के प्रमुख प्रोफेसर अमल मुखोपाध्याय ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने जोरासंको पुलिस थाने के प्रभारी और तीन कांस्टेबलों को जांच समिति के सामने पेश होने को कहा था ,लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया ।’’ मुखोपाध्याय ने कहा, ‘‘उसके बाद मैंने गृह सचिव और शहर के पुलिस आयुक्त से कहा ,लेकिन दोनों ने मदद करने से इंकार कर दिया । जिसके बाद पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग ने आदेश जारी किया जिसे पुलिस मान
रही है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने शुरूआत में जांच समिति के साथ सहयोग नहीं किया । पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग की ओर से आदेश जारी होने के बाद ही पुलिस ने सहयोग किया है । यदि उन्होंने पहले सहयोग किया होता तो मैंने जांच रिपोर्ट जल्दी दे दी होती ।’’ प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के परिसर पर 10 अप्रैल को हुए हमले के अगले ही दिन पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग ने प्रोफेसर मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी । भाषा
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