Wednesday, 20 March 2013 08:55 |
जनसत्ता संवाददाता कोलकाता । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की यूपीए सरकार पर धन की राजनीति करने और बंगाल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र को आने वाले दिनों में इसका माकूल जवाब मिलेगा। पश्चिम मेदिनीपुर जिले में मंगलवार को आयोजित एक रैली में ममता ने कहा कि पिछले पौने दो साल से केंद्र सरकार बंगाल को उसके हक से वंचित कर रही है। आने वाले दिनों में हम इस राजनीति का माकूल जवाब देंगे। ममता ने कहा कि हम धन की राजनीति नहीं करते। हम लोगों से नहीं कहते कि हम तुमको यह चीज देंगे, तुम हमको वह दो। हमारी सरकार लोगों के साथ मिल कर काम करने में भरोसा करती है। उन्होंने दोहराया कि केंद्र सरकार कर्ज के तौर पर मोटी रकम वसूल रही है। राज्य की आय 21 हजार करोड़ है, लेकिन केंद्र ने ब्याज के तौर पर 25 हजार करोड़ रुपए ले लिए। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि हर महीने की पहली तारीख को रिजर्व बैंक हमारी ट्रेजरी से सीधे पैसे निकाल लेता है। केंद्र सरकार हमसे यह भी नहीं पूछती कि हमारे पास पैसे हैं या नहीं और हम ब्याज के भुगतान में सक्षम हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको हमेशा इस बात की चिंता सताती रहती है कि सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों को उनका वेतन व पेंशन कैसे मिलेगा। इसके लिए हर महीने 42 हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ती है। राज्य की पूर्व वाममोर्चा सरकार पर बंगाल को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथियों ने तो शायद सोचा था कि नया प्रशासन तीन महीने भी काम नहीं कर सकेगा। लेकिन हम पौने दो साल से सरकार चला रहे हैं। बंगाल लगातार आगे बढ़ रहा है। जंगलमहल के दौरे पर आईं
ममता ने केंद्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश से नौ नक्सल प्रभावित राज्यों में बंगाल पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने माओवाद पर अंकुश लगा कर इलाके में शांति बहाल की है। उन्होंने कहा कि जंगलमहल के लोगों ने जिस तरह पूरे देश की आंखें खोल दी हैं, उस पर उनको गर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ माओवादियों ने हथियार डाल कर सरकार की ओर से घोषित पुनर्वास पैकेज लिया है। बचे-खुचे माओवादियों से भी हथियार डालने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार उन लोगों के भी पुनर्वास की व्यवस्था करेगी। ममता ने माकपा व माओवादियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए लोगों से सतर्क रहने को कहा। उन्होंने दावा किया कि देश में पहली बार जंगलमहल ने मनरेगा के तहत सौ दिन काम का लक्ष्य पूरा कर लिया है। ममता ने कहा कि स्थानीय लोग अगर दो सौ दिनों तक काम करें तो सरकार इसके लिए धन मुहैया कराएगी। ममता ने कहा कि वित्तीय तंगी और केंद्र की ओर से पैसा नहीं मिलने के बावजूद जंगलमहल में दो रुपए किलो चावल समेत दूसरी योजनाएं बंद नहीं की जाएंगी। आगामी पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने इलाके के लिए 49 परियोजनाओं का एलान किया। इनमें नए स्कूल, कालेज, अस्पताल व सड़कों के अलावा एक टूरिज्म सर्किट की स्थापना करना भी शामिल है। ममता ने कहा कि छह करोड़ की लागत से बनने वाले टूरिस्ट सर्किट के तहत झाड़ग्राम, बेलपहाड़ी, बांसपहाड़ी, झिलमिल व मुकुटमणिपुर को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम मेदिनीपुर से काट कर एक नया जिला बनने के बाद बीनपुर ब्लाक बन जाएगा।
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